महाराष्ट्र मामले में कल सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएगा सुप्रीमकोर्ट
नई दिल्ली। महाराष्ट्र मामले में आज सुप्रीमकोर्ट ने सभी पक्षकारो की सुनवाई पूरी करने के बाद कल सुबह 10:30 बजे तक के लिए अपना फैसला सुरक्षित रखा है। इससे पहले आज सुप्रीमकोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान तीखी बहस हुई।
शिवसेना की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पूछा कि ऐसी कौन सी राष्ट्रीय आपदा दी जिसके चलते सुबह 5:17 बजे राष्ट्रपति शासन हटाया गया और 8 बजे शपथ ग्रहण हुआ ? उन्होंने कहा कि 5:17 बजे राष्ट्रपति शासन हटाया गया, इसका मतलब जो कुछ हुआ वो इससे पहले हुआ। कांग्रेस की तरफ से पेश हुए अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने तत्काल फ्लोर टेस्ट कराये जाने की मांग की।
वहीँ महाराष्ट्र के राज्यपाल की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट से कहा कि इस मामले जबाव फ़ाइल करने के लिए दो -तीन दिन का समय देना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य में सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित करना राज्यपाल का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि राज्यपाल को सौंपी गई समर्थन की चिठ्ठियों को पढ़ते हुए तुषार मेहता ने कहा कि अलग-अलग चिठ्ठियों में भाजपा के 105 और एनसीपी के 54 विधायकों के हस्ताक्षर हैं। इसके अलावा निर्दलीय विधायकों के समर्थन वाली भी एक चिठ्ठी है।
तुषार मेहता ने कहा कि राज्यपाल का काम समर्थन पत्र की जांच करना नहीं है, बल्कि उन्होंने उसी पर भाजपा और अजित पवार को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित किया। इन चिठ्ठियों के मुताबिक फडणवीस को 170 विधायकों का समर्थन प्राप्त है।
वहीँ महाराष्ट्र बीजेपी की तरफ से पक्ष रखते हुए अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि राज्यपाल ने बहुमत सबित करने के लिए 14 दिन का समय दिया है, ऐसे में 7 दिन का समय निर्धारित किया जा सकता है। सबसे महत्वपूर्ण प्रोटेम स्पीकर की न्युक्ति है।
इस पर जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि पुराने फैसलों को देखा जाए तो इस तरह के अधिकांश मामले में 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट हुआ है या कुछ मामलो में 48 घंटो के अंदर।
वहीँ दूसरी तरफ आज मुंबई में कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के नेताओं ने राजभवन के अधिकारीयों से मुलाकात कर उन्हें तीनो पार्टियों के विधायकों पत्र सौंपा है। एनसीपी नेता जयंत पटेल ने बताया कि इस समर्थन पत्र पर 162 विधायकों के हस्ताक्षर हैं।
फिलहाल एनसीपी के विधायकों का वापस आना जारी है। एनसीपी के नेता नवाब मालिक के मुताबिक कल दो और विधायकों की वापसी के बाद 54 में से 53 विधायक एनसीपी में मौजूद हैं अभी एक और विधायक के जल्द वापस लौटने की संभावना है।
महाराष्ट्र मामले को लेकर आज जहाँ एक तरफ सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई चल रही थी वहीँ दूसरी तरफ संसद परिसर में विपक्षी दलों ने बीजेपी पर लोकतंत्र की ह्त्या का आरोप लगाते हुए बैनर और तख्तियों के साथ प्रदर्शन किया। संसद की कार्यवाही शुरू होते ही लोकसभा और राज्य सभा में विपक्षी सांसदों ने लोकतंत्र की हत्या बंद करो के नारे भी लगाए। लोकसभा और राज्य सभा की कार्यवाही दोपहर दो बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी है।