मैनपुरी में एकतरफा होता जा रहा लोकसभा उपचुनाव
नई दिल्ली। मैनपुरी लोकसभा सीट के लिए हो रहे उपचुनाव में धीमे धीमे चुनाव समाजवादी पार्टी की तरफ खिसकता नज़र आ रहा है। प्रोग्रेसिव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव द्वारा सपा उम्मीदवार डिंपल यादव का समर्थन किये जाने के बाद अब चुनाव एकतरफा नज़र आ रहा है।
भारतीय जनता पार्टी ने इस चुनाव में रघुराज सिंह शाक्य पर दांव लगाया है। रघुराज सिंह शाक्य अपनी बिरादरी के मतदाताओं के अलावा बीजेपी के परम्परागत मतदाताओं के बूते अपनी चुनावी नैया को पार लगाने का इरादा रखते हैं।
हालांकि बीजेपी इस बात को अच्छी तरह जानती है कि मैनपुरी सीट पर शुरू से ही समाजवादी पार्टी क दबदबा रहा है और कई दशकों से इस सीट पर समाजवादी पार्टी का कब्ज़ा है।
दरअसल मैनपुरी लोकसभा सीट के अंतर्गत 5 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमे जसवंतनगर, करहल, भोगांव, किशनी और मैनपुरी विधानसभा शामिल हैं। जातिगत समीकरणों को देखें तो सभी पांच विधानसभाओं में सपा का एम-वाई कॉंबिनेशन फिट बैठता है।
हालांकि सभी पांच विधानसभाओं में पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की एक बड़ी तादाद है लेकिन जसवंतनगर से शिवपाल सिंह यादव और करहल से अखिलेश यादव विधायक हैं। वहीँ किशनी विधानसभा सीट भी सपा के कब्जे में हैं। वहीँ मैनपुरी और भोगांव विधानसभा सीट पर बीजेपी का कब्ज़ा है।
ऐसे हालातो में जब शिवपाल सिंह यादव भी सपा के लिए वोट मांग रहे हैं बीजेपी उम्मीदवार के लिए राह आसान नहीं रही। यादव बाहुल्य इलाको में स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की गहरी पैंठ रही है। यही कारण भी है कि मैनपुरी लोकसभा सीट समाजवादी पार्टी की वह अभेद सीट है जिसे बीजेपी अभी तक हिला नहीं सकी है।
वहीँ सूत्रों की माने तो बीजेपी इस सीट पर पूरी ताकत से चुनाव लड़ेगी। सूत्रों ने कहा कि बीजेपी यह मानकर चल रही है कि मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद यह मौका है कि इस सीट पर किसी भी तरह जीत दर्ज की जाए। फिलहाल चुनाव परिणाम आने तक इंतज़ार करना पड़ेगा लेकिन ज़मींन पर समाजवादी पार्टी ज़्यादा मजबूत नज़र आ रही है।