अयोध्या मामले में पुनर्विचार याचिका नहीं दायर करना चाहते मुस्लिम पक्षकार इक़बाल अंसारी
लखनऊ। अयोध्या में विवादास्पद भूमि के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीमकोर्ट का फैसला आने के बाद अयोध्या मामले के मुख्य पक्षकार इकबाल अंसारी ने कहा है कि वे इस मामले में सुप्रीमकोर्ट के निर्णय पर पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के पक्ष में नहीं हैं।
गौरतलब है कि सुप्रीमकोर्ट का फैसला आने के बाद आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य जफरयाब जिलानी ने कहा था कि बोर्ड के सदस्यों के साथ सलाह मशविरे के बाद इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर किये जाने पर विचार किया जायेगा।
एक न्यूज़ चैनल से बातचीत में इक़बाल अंसारी ने कहा कि अगर बाकी पक्षकार पुनर्विचार याचिका दायर करना चाहें तो कर सकते हैं लेकिन वे खुद पुनर्विचार याचिका दायर करने के पक्ष में नहीं हैं।
सुप्रीमकोर्ट द्वारा मस्जिद के लिए पांच एकड़ ज़मींन दिए जाने के सवाल पर इक़बाल अंसारी ने कहा कि यह अभी कैसे कह सकते हैं कि मस्जिद कहाँ बनाएंगे। उन्होंने कहा कि पहले सरकार की तरफ से प्रस्ताव आये कि वह कहाँ ज़मीन दे रही है। इसके बाद ही इस मामले में कोई फैसला लिया जाएगा कि मस्जिद अयोध्या शहर के अंदर बनेगी या बाहर।
इक़बाल अंसारी ने कहा कि हमारे यहाँ सभी फैसले कोई एक व्यक्ति नहीं करता बल्कि कमेटियां तय करती हैं। इसलिए मस्जिद बनेगी या नहीं और बनेगी तो कहाँ बनेगी ये कमेटियों की बैठक में चर्चा के बाद ही तय होगा।
बता दें कि अयोध्या मामले में आये सुप्रीमकोर्ट के फैसले में गुंबद वाली जगह राम मंदिर बनाने के लिए हिन्दू पक्षकारो को तथा मुस्लिम पक्षकारो को मस्जिद बनाने के लिए पांच एकड़ ज़मींन दिए जाने के आदेश दिए गए हैं।