महाराष्ट्र मामले में सुप्रीमकोर्ट का फैसला: कल शाम 5 बजे तक साबित करना होगा बहुमत
नई दिल्ली। महाराष्ट्र मामले में सुप्रीमकोर्ट ने आज अपना फैसला सुना दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में बुधवार शाम पांच बजे तक फ्लोर टेस्ट कराये जाने के आदेश जारी किये हैं।
कोर्ट ने अपने फैसले में विधानसभा में प्रोटेम स्पीकर की न्युक्ति के लिए भी कहा है। प्रोटेम स्पीकर ही नव न्युक्त विधायकों को शपथ ग्रहण तथा फ्लोर टेस्ट की कार्यवाही पूरी कराएँगे। अदालत ने यह फैसला हरीश रावत, एसआर बोम्मई केस के आधार पर दिया है।
इतना ही नहीं कोर्ट ने अपने फैसले में पूरी कार्यवाही के लाइव प्रसारण कराने और गुप्त मतदान नहीं कराने के लिए भी कहा है। गौरतलब है कि शिवसेना की तरफ से पेश हुए वकील कपिल सिब्बल ने अपनी दलीलों में मांग रखी थी कि फ्लोर टेस्ट की कार्यवाही का लाइव प्रसारण तथा बैलेट पेपर से वोटिंग कराई जाए।
इससे पहले सोमवार को सुप्रीमकोर्ट में सभी पक्षकारो ने अपनी दलीलें रखीं थीं। कांग्रेस की तरफ से पेश वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने तुरंत फ्लोर टेस्ट कराये जाने की मांग की थी।
वहीँ कपिल सिब्बल का सवाल था कि आखिर किन परिस्थितियों में सुबह 5:47 बजे राष्ट्रपति शासन हटाया गया। उन्होंने सवाल किया कि आखिर ऐसी कौन सी राष्ट्रीय आपदा थी जिसके चलते सुबह 5:47 बजे राष्ट्रपति शासन हटाया गया। कपिल सिब्बल का कहना था कि केबिनेट की बैठक के बिना ही राष्ट्रपति शासन हटाने का फैसला कैसे हो गया।
इससे पहले कल मुंबई के होटल ग्रैंड हयात में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के 162 विधायकों ने पार्टी अध्यक्षों के नाम पर शपथ ली कि वे बीजेपी का समर्थन नही करते। ग्रैंड हयात में जुटे शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी विधायकों की तादाद के बाद यह तो साफ़ हो गया कि बीजेपी के पास सरकार बनाने के लिए पर्याप्त बहुमत नहीं है।
एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने विधायकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि फ्लोर टेस्ट वाले दिन वे 162 से अधिक विधायक ले आएंगे। उन्होंने बीजेपी पर तंज कस्ते हुए कहा कि ये महाराष्ट्र है, गोवा नहीं है।