महाराष्ट्र के महानाटक का अंत, फ्लोर टेस्ट से पहले ही फडणवीस का इस्तीफा
मुंबई। महाराष्ट्र में पिछले कई दिनों से चल रहे राजनैतिक महानाटक का आज अंत हो गया है। अंततः एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार की राजनीति बीजेपी के कई चाणक्यो पर भारी पड़ी है।
महाराष्ट्र में चल रही उठापटक के बीच आज सुप्रीमकोर्ट ने अपने फैसले में फ्लोरटेस्ट के लिए कल शाम 5 बजे तक का समय निर्धारित किया था लेकिन फ्लोरटेस्ट का समय आने से पहले ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सरेंडर कर दिया और अपना इस्तीफा राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सौंप दिया।
देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के साथ ही महाराष्ट्र में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के गठबंधन वाली सरकार के गठन का रास्ता साफ़ हो गया है। इससे पहले कल मुंबई के ग्रैंड हयात होटल में शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस के 162 विधायक जुटे थे।
ग्रैंड होटल में तीनो दलों के विधायकों की तादाद देखकर यह साफ़ हो गया था कि बीजेपी की तरफ से बहुमत को लेकर हवाबाज़ी की जा रही है और उसके पास बहुमत नहीं है।
हालाँकि कल शिवसेना- एनसीपी और कांग्रेस के 162 विधायकों की मीडिया के सामने परेड के बाद भी बीजेपी की तरफ से बहुमत होने के दावे किये जाते रहे। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने विधायकों को सम्बोधित करते हुए साफ़कर दिया था कि तीनो दलों के सामने बहुमत साबित करने को लेकर कोई दिक्क्त नहीं है।
शरद पवार ने दावा किया था कि वे सदन में विश्वासमत साबित करने के दिन 162 से अधिक विधायक लेकर पहुंचेंगे। उन्होंने बीजेपी को चुनौती देते हुए कहा था कि यह महाराष्ट्र है, गोवा नहीं है।
देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे के ऐलान के बाद कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने ट्वीट किया। उन्होंने कहा, जो नुकसान उन्होंने सत्ता हासिल करने के लिए संविधान और देश की बड़ी संस्थाओं को पहुंचाया है, उसे ठीक होने में दशकों लगेंगे।
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमें उम्मीद है कि नई सरकार अच्छा काम करेगी। हम विपक्ष के रूप में अपना काम करेंगे. उन्होंने कहा कि शिवसेना नेता लाचारी में सोनिया गांधी के सामने नतमस्तक हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि तीन पहियों वाली सरकार चलना काफी मुश्किल है। देवेंद्र फडणवीस बोले कि शिवसेना उन वादों को लेकर अड़ गई थी, जिन्हें हमने कभी किया नहीं था।