हाईकोर्ट के इस सवाल का जबाव नहीं दे सके सीबीआई के वकील

हाईकोर्ट के इस सवाल का जबाव नहीं दे सके सीबीआई के वकील

कोलकाता। नारदा स्टिंग मामले में तृणमूल कांग्रेस नेताओं की गिरफ्तारी को लेकर आज हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के पांच जजों की बैंच ने सीबीआई से सवाल किया कि सात साल तक जांच चली, तब अभियुक्तों को गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? कोर्ट ने यह भी पूछा कि “चार्जशीट फाइल करने के बाद अचानक गिरफ्तारी की जरूरत क्यों पड़ी?”

कोर्ट के इस सवाल का जबाव सीबीआई के वकील नहीं दे सके। सीबीआई की तरफ से पैरवी कर रहे सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सिर्फ इतना कहा कि जिस तरह नेताओं- मंत्रियों की गिरफ्तारी का विरोध हो रहा है, उसे देखते हुए मामला कोर्ट के सामने लाना उचित जान पड़ा। विरोध दिखाकर जांच प्रक्रिया में बाधा दी गई, क्या यह विषय विवेचना का नहीं हो सकता? इन नेताओं-मंत्रियों को 17 मई को गिरफ्तार किया गया था।

बता दें कि सीबीआई द्वारा गिरफ्तार किये गए तृणमूल कांग्रेस नेताओं में तृणमूल कांग्रेस के मंत्री फिरहाद हाकिम की तरफ से अभिषेक मनु सिंघवी, विधायक मदन मित्र और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी के लिए सिद्धार्थ लूथरा और मंत्री सुब्रत मुखर्जी के लिए कल्याण बनर्जी मुकदमा लड़ रहे हैं।

इससे पहले आज सुबह सुनवाई शुरू हुई तो सीबीआई के वकील सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इसे एक दिन टालने का अनुरोध किया। कहा कि जांच एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट में विशेष याचिका दायर की है। इस पर तृणमूल कांग्रेस नेताओं की तरफ से पेश हुए अभिषेक मनु सिंघवी ने विरोध जताया।

इस पर हाईकोर्ट की बेंच ने कहा कि पश्चिम बंगाल में या तूफान की आशंका है। आने वाले दिनों में कोर्ट को इससे जुड़े मामलों की भी सुनवाई करनी पड़ सकती है। जस्टिस हरीश टंडन ने सवाल किया कि डिवीजन बेंच ने हाउस अरेस्ट का निर्देश दिया था और सीबीआई ने उसका विरोध किया। क्या इसी वजह से सुप्रीम कोर्ट में आवेदन किया गया है?

तुषार मेहता ने कहा, सीबीआई केवल जमानत रद्द नहीं करना चाहती बल्कि निजाम पैलेस के बाहर जिस तरह से विरोध प्रदर्शन हुआ उसे देखते हुए मामला दूसरी जगह स्थानांतरित करने की भी अर्जी दी गई है, क्योंकि ऐसी परिस्थिति भविष्य में भी उत्पन्न हो सकती है।

तुषार मेहता ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का नाम लेकर कहा कि वे सीबीआई के कार्यालय पहुंच कर कहती हैं कि उन्हें भी गिरफ्तार किया जाए। उन्होंने कहा कि क्या यह भी कानून के मुताबिक था। मुझे लगता है कि ये सब बातें उठाकर हमें सड़क-छाप झगड़े के स्तर तक नहीं उतरना चाहिए।

आज कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद इस मामले में सभी सुनवाई जारी रखने का एलान किया है। कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए बुधवार का दिन तय किया है।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital