नोट बंदी पर काला दिवस: शिवसेना ने किया श्राद्ध, दिल्ली में कांग्रेस का प्रदर्शन

नोट बंदी पर काला दिवस: शिवसेना ने किया श्राद्ध, दिल्ली में कांग्रेस का प्रदर्शन

नई दिल्ली। नोट बंदी का एक वर्ष होने पर विपक्ष द्वारा देशभर में काला दिवस मनाये जाने की खबर है।

आज जहाँ कांग्रेस सहित विपक्ष के नेताओं ने मोदी सरकार के नोट बंदी के फैसले पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। वहीँ देश के अलग अलग इलाको में विरोध प्रदर्शन आयोजित किये गए।

नोट बंदी का एक वर्ष पूरा होने पर नासिक में शिवसेना ने श्राद्ध किया। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने महाराष्ट्र के नासिक जिले में कुंभ मेला के मुख्य तीर्थयात्रा केन्द्र और गोदावरी स्नान घाट रामकुंड पर नोटबंदी का ‘श्राद्ध’ का आयोजन किया।

इस दौरान शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने अपने सिर भी मुंडवाये तथा बंद किये गये एक हजार और पांच सौ रुपये के नोटों की बड़ी फोटों के सामने अनुष्ठान किया।

वहीँ दिल्ली में कांग्रेस ने बड़ा प्रदर्शन किया। इस अवसर पर कांग्रेस नेता गुलामनबी आज़ाद, जदयू नेता शरद यादव, दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन सहित कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं की मौजूदगी रही।

नोट बंदी का एक वर्ष पूरा होने पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नोटबंदी को DeMo डिजास्टर (नोटबंदी हादसा) बताते हुए आज ट्विटर पर अपने डिस्प्ले पिक्चर को काला कर दिया। इससे पहले ममता ने सोमवार को घोषणा की थी कि नोटबंदी के एक साल पूरे होने पर वह अपने टि्वटर का डिस्प्ले पिक्चर काला रखेंगी।

मंगलवार को नोटबंदी को लेकर केंद्र सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए मुख्यमंत्री ने नोटबंदी को तानाशाही फैसला करार दिया। उन्होंने कहा कि यह देश का सबसे बड़ा घोटाला है, जो सत्तारूढ़ पार्टी द्वारा निहित स्वार्थों के लिए कालेधन को बदलकर सफेद करने के लिए किया गया था।

वहीँ वरिष्ठ सांसद और जदयू के बागी नेता शरद यादव ने नोटबंदी से अर्थव्यवस्था और समाज के विभिन्न वर्गों को हुए भारी नुकसान की भरपाई करने के केंद्र सरकार से उसकी कार्ययोजना उजागर करने की मांग की है।

नोटबंदी लागू करने के फैसले को आज एक साल पूरे होने पर विपक्षी दलों की ओर से आयोजित विरोध प्रदर्शनों को जायज ठहराते हुए शरद यादव ने कहा कि सरकार ने खुद इस फैसले से जनता को परेशानी होने और आर्थिक विकास की दर धीमी पड़ने की बात को स्वीकार किया है।

शरद यादव ने कहा कि मोदी सरकार को अब यह बताना चाहिए कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था को हुए भारी नुकसान की भरपाई के लिये उसके पास क्या योजना है। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से देश की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है।

शरद यादव ने कहा कि देश के सकल घरेलू उत्पाद में गिरावट आना और कृषि सहित छोटे तथा मंझोले उद्योगों का बंद होना इसका प्रत्यक्ष प्रमाण है। उन्होंने कहा कि 97 प्रतिशत नगदी कारोबार वाले देश में नोटबंदी का फैसला आत्मघाती साबित हुआ है।

नोट बंदी का एक वर्ष पूरा होने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी चिदंबरम ने बुधवार को कहा कि नोटबंदी के कारण लाखों लोग परेशान हुए और इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता है कि इसके कारण लोगों की जान और नौकरी दोनों गई।

नोटबंदी के फैसले के एक साल के बाद पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि इस ‘काला दिवस’ पर, लोगों की वास्तविक जीवन की कहानी पढ़नी चाहिए और इसके कारण परेशान होने वाले लाखों लोगों के लिए प्रार्थना करनी चाहिए। उन्होंने अपने कई ट्वीट में कहा, ‘‘क्या कोई इससे इनकार कर सकता है कि लोगों की जान गई, छोटे व्यापार बंद हो गए और रोजगार छिन गया?’’

चिदंबरम ने कहा कि जनता के पास 15 लाख करोड़ रुपए नकद है, यह मात्रा बढ़ रही है और नवंबर 2016 में 17 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि कितनी नकदी (रुपए की आपूर्ति) होनी चाहिए, यह फैसला रिजर्व बैंक का होना चाहिए, नाकि सरकार का।

चिदंबरम ने दावा किया कि कम मांग और कम वृद्धि के कारणों में से एक चलन में नकदी की कृत्रिम कमी भी है। उन्होंने सवाल किया, ‘‘पारर्दिशता के हित में, सरकार/आरबीआई को रिजर्व बैंक बोर्ड का एजेंडा जारी करना चाहिए, पहले की टिप्पणी और (पूर्व गर्वनर) रघुराम राजन की टिप्पणी के बारे में बताना चाहिए।

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