बीजेपी के लिए बड़ी चिंता बन गया है शहरी इलाको का मतदाता
नई दिल्ली। देश में कहीं भी चुनाव होना लेकिन बीजेपी का चुनाव अभियान हमेशा शहर से शुरू होकर गांव की तरफ जाता है। बीजेपी के कई अध्यक्ष बदलने के बाद भी आज भी उसकी प्रचार की रणनीति वही है जो अब से 20 साल पहले हुआ करती थी। शहर से चुनाव अभियान शुरू होने के कारण बीजेपी का प्रचार जल्द दिखने लगता है और उसे ग्रामीण इलाको की तुलना में शहरी इलाको में अधिक सफलता मिलती रही है।
शहरी इलाको में बड़ा दबदबा रखने वाली पार्टी बीजेपी के लिए इस बार शहरी इलाको के मतदाता ही चिंता का विषय बन गए हैं। हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में इस बार शहरी इलाको के मतदाताओं ने ग्रामीण इलाको के मतदाताओं की तुलना में कम रूचि दिखाई है। यही कारण है कि शहरी इलाको में इस बार मतदान का प्रतिशत पिछले चुनाव की तुलना में कम रहा है।
ठीक ऐसा ही गुजरात में भी हुआ है। गुजरात में पहले चरण के चुनाव में शहरी इलाको का मतदान प्रतिशत पिछले चुनाव की तुलना में कम रहा है। यही कारण है कि गुजरात विधानसभा के दूसरे चरण के चुनाव के लिए चुनाव आयोग को खासतौर पर मतदाताओं के लिए अपील जारी करनी पड़ी है। अपने एक बयान में निर्वाचन आयोग ने कहा कि शहरी मतदाताओं की उदासीनता शिमला से सूरत तक बेरोकटोक जारी है।
एक मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात विधानसभा के एक दिसंबर को सौराष्ट्र, कच्छ और दक्षिण गुजरात की 89 सीटों के लिए हुए पहले चरण के मतदान के दौरान औसतन करीब 63.31 फीसदी मतदान हुआ, जो 2017 के चुनाव के मुकाबले काफी कम रहा।
गुजरात के पहले चरण के चुनाव की बात करें तो 2017 के चुनाव में 89 सीटों में से भारतीय जनता पार्टी ने 48 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस ने 40 सीटें जीती थीं, एक सीट निर्दलीय के खाते में गई थी।
2017 के विधानसभा चुनाव में, पहले चरण में इन्हीं 89 निर्वाचन क्षेत्रों में 66.75 प्रतिशत मतदान हुआ था। जबकि इस बार इन्ही इलाको में मतदान का प्रतिशत 63.31 रहा है। मतदान में 3 प्रतिशत से अधिक की कमी किसी का भी खेल बिगाड़ सकती है।
बीजेपी सूत्रों की माने तो पहले चरण में शहरी इलाको में कम मतदान से पार्टी के माथे पर चिंता की लकीरें और गहरी कर दी हैं। सूत्रों ने कहा कि पार्टी की चुनाव समिति में भी कम मतदान को लेकर चर्चा हुई है।
सूत्रों ने कहा कि दूसरे चरण के चुनाव में भाजपा कार्यकर्ताओं को खासतौर पर निदेश दिए गए हैं कि वे अपने बूथों पर अधिक से अधिक मतदान सुनिश्चित करें। खासकर शहरी इलाको में मतदाताओं को बूथ तक लाने में अपनी अहम भूमिका अदा करें।
फिलहाल सभी की नज़रें आज होने वाले दूसरे चरण के चुनाव के लिए होने वाले मतदान पर लगी हैं। देखना होगा कि दूसरे चरण में शहरी मतदाता किस तरह का रुझान दिखाता है।