यूपी: चौथे चरण में आज 59 सीटों पर होगा मतदान, रीता बहुगुणा के बेटे की अखिलेश से मुलाकात
लखनऊ ब्यूरो। उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के चौथे चरण में आज 9 जिलों की 59 सीटों पर मतदान होगा। जिन 9 जिलों की विधानसभा सीटों पर आज मतदान होगा उनमे फतेहपुर, बांदा, पीलीभीत, हरदोई, खीरी, लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर और उन्नाव शामिल हैं।
पिछले तीन चरणों के चुनाव की तरह ही चौथे चरण में कई दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर है। इनमे रायबरेली में कांग्रेस छोड़ बीजेपी में गयीं आदिति सिंह, लखनऊ कैंट सीट पर प्रदेश के कानून मंत्री बृजेश पाठक, लखनऊ पूर्वी सीट पर मंत्री आशुतोष टंडन और हरदोई सीट पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष नितिन अग्रवाल शामिल हैं।
जिन 59 सीटों पर आज मतदान हो रहा है, 2017 के चुनाव में बीजेपी ने इनमे से 51 सीटों पर जीत हासिल की थी। हालांकि चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह बीजेपी उम्मीदवारों को कई जगह विरोध का सामना करना पड़ा है, उसे देखकर ऐसा नहीं लगता कि बीजेपी इस चुनाव में 2017 के अपने प्रदर्शन को दोहरा पायेगी।
चौथे चरण में 13,813 मतदान केंद्रों और 24,580 मतदान केंद्रों पर मतदान होगा। इसके लिए अर्धसैनिक बलों की 800 कंपनियां और 60,000 से अधिक पुलिसकर्मी सुरक्षा मुहैया कराये गए हैं। चौथे चरण में तीन विधानसभा क्षेत्रों हुसैनगंज, बिंदकी और फतेहपुर को ‘संवेदनशील’ श्रेणी में रखा गया है, जबकि कुल 590 मजरा और इलाकों को ‘संवेदनशील’ और 3,393 मतदान केंद्रों को ‘गंभीर’ माना गया है। इस चरण के चुनाव में 624 उम्मीदवार मैदान में हैं।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में सात चरणों में विधानसभा चुनाव संपन्न होने हैं। अब तक तीन चरणों के चुनाव संपन्न हो चुके हैं। चुनाव के नतीजे 10 मार्च को घोषित किए जाएंगे।
रीता बहुगुणा के बेटे ने बढ़ाया बीजेपी का टेंशन:
चौथे चरण के चुनाव के लिए मतदान से पहले बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी के बेटे मयंक जोशी ने बीजेपी का टेंशन बढ़ा दिया है। अभी आई खबर के मुताबिक, मयंक जोशी ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और पूर्व सीएम अखिलेश यादव से मुलाकात की है।
गौरतलब है कि मयंक की मां रीता बहुगुणा जोशी इलाहाबाद से बीजेपी सांसद हैं। उन्होंने विधानसभा चुनाव में अपने बेटे मयंक जोशी को लखनऊ छावनी सीट से टिकट दिए जाने की पैरवी की थी लेकिन तमाम कोशिशों के बाद भी वे अपने बेटे को टिकट नहीं दिला पाईं। अपने बेटे को टिकट दिलवाने के लिए रीता बहुगुणा जोशी ने यहां तक कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह अपने बेटे के लिए इस्तीफा भी दे सकती हैं।