कृषि मंत्री बोले ‘कृषि कानून रद्द करने पर बातचीत नहीं’
नई दिल्ली। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर ने एक बार फिर साफ़ किया है कि तीनो कृषि कानूनों को रद्द करने के अलावा अन्य प्रस्तावों पर सरकार किसानो से बातचीत के लिए तैयार है।
उन्होंने कहा कि किसान संघ को मैंने एक बार नहीं कई बार कहा है कि तीन कानूनों को रद्द करने के अतिरिक्त वो कोई भी प्रस्ताव लेकर हमारे पास आए तो हम उस प्रस्ताव पर चर्चा करने के लिए तैयार हैं। APMC समाप्त नहीं होगी बल्कि APMC और मजबूत हो। इसके लिए मोदी सरकार प्रतिबद्ध है।
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है, “हमारे देश में एक बड़े क्षेत्र में नारियल की खेती होती है। इसका उत्पादन बढ़े और किसानों को सहूलियत दिया जा सके इसके लिए 1981 में नारियल बोर्ड एक्ट लाया गया था इसमें हम संशोधन करने जा रहे हैं। बोर्ड का अध्यक्ष गैर शासकीय व्यक्ति होगा।“
आगे तोमर ने कहा है, “बजट में कहा गया था कि मंडियां समाप्त नहीं होगी बल्कि मंडियों को और मज़बूत किया जाएगा। मंडियों को और संसाधन मिले इस दृष्टि से प्रयास किया जाएगा। कृषि अवसंरचना फंड को आत्मनिर्भर भारत के तहत 1 लाख करोड़ रुपये प्रवर्धित किया गया है उस फंड का उपयोग एपीएमसी कर सकेगी।“
वहीँ कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि कृषि मंत्री फिर से शर्त के साथ कह रहे हैं कि किसान आए, बातचीत करें। क़ानून ख़त्म नहीं होंगे उनमें बदलाव होगा। सरकार को बात करनी है तो बात करे लेकिन शर्त के साथ किसानों के साथ बात ना करे। जो वे कहेंगे किसान उस पर चले ऐसा नहीं है।