कल संयुक्त किसान मोर्चे की अहम बैठक, आंदोलन को आगे बढ़ाने सहित कई मुद्दों पर होगा फैसला
नई दिल्ली। एमएसपी सहित अन्य मुद्दों पर बातचीत के लिए संयुक्त किसान मोर्चे द्वारा सरकार को पांच सदस्यीय कमेटी के नाम भेजे जाने के बावजूद अभी तक सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
हालांकि सरकार की तरफ से ही कहा गया था कि बातचीत के लिए किसान संगठन पांच लोगों के नाम तय करके भेजें जिन्हे बातचीत में शामिल किया जा सके। इसके लिए 4 दिसंबर को हुई संयुक्त मोर्चे की बैठक में किसान संगठनों ने 5 लोगों की एक कमेटी बनाकर सरकार को नाम भेज दिए थे।
किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने सोमवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कल हमारी संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक है और आज हमारी 5 सदस्यीय कमेटी की बैठक थी। ये फैसला किया गया है कि कल की बैठक में आंदोलन को आगे बढ़ाने के लिए सबकी सहमति से निर्णय लिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि अभी तक सरकार की तरफ से कोई संदेश नहीं आया है इसलिए हम आंदोलन कैसे लड़ें और आंदोलन में हमारा अगला कदम क्या हो इसका फैसला कल की बैठक में लिया जाएगा।
इस बीच भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा है कि सरकार और किसानो के बीच की बर्फ पिघलने लगी है लेकिन मिशन यूपी लंबा चल सकता है। टिकैत ने कहा कि आचार संहिता लगने के बाद इस मसले पर अगला कदम उठाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में गन्ना का पूरा भुगतान नहीं हुआ है। प्रदेश में किसानों के मुद्दे लंबित हैं। महंगी बिजली सबसे बड़ी समस्या बन गई है। वहीँ इससे पहले राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा कि “किसान आंदोलन जब शुरू हुआ, तभी आगाह किया गया था कि अगला नंबर बैंकों का है। सोमवार को संसद में सरकारी बैंकों के निजीकरण का बिल पेश होने जा रहा है। निजीकरण रोकने के लिए देश में साझा आंदोलन किए जाने की जरूरत है।”