यूपीए में शामिल होने जा रही शिवसेना, राहुल और प्रियंका से मिलेंगे संजय राउत
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा गैर कांग्रेसी विपक्षी दलों को जोड़कर मोर्चा बनाने की कोशिशें ध्वस्त होती नज़र आ रही हैं। खबर है कि शिवसेना भी यूपीए (United Progressive Alliance) में शामिल होने जा रही है।
गौरतलब है कि अपने मुंबई दौरे के दौरान ममता बनर्जी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार और शिवसेना नेताओं से मिली थीं। इस मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने यूपीए के अस्तित्व को लेकर सवाल उठाये थे।
अब खबर आ रही है कि शिवसेना भी यूपीए में शामिल होने जा रही है। महाराष्ट्र में तीन दलों के गठबंधन वाली महाविकास अघाड़ी सरकार में शामिल एनसीपी पहले ही यूपीए का हिस्सा है, वहीँ अब शिवसेना भी यूपीए का हिस्सा बनेगी।
इस मामले में शिव सेना सांसद संजय राउत कल (मंगलवार, 7 दिसंबर) राहुल गांधी से और बुधवार को प्रियंका गांधी से मुलाकात करने वाले हैं। माना जा रहा है कि अगले वर्ष के शुरू में होने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को देखते हुए शिवसेना ने यूपीए में शामिल होने का फैसला किया है।
संभावना है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस अपने सहयोगी दलों के तौर पर शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस के लिए कुछ सीटें छोड़ सकती है। शिवसेना को लेकर कहा जा रहा है कि उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में शिवसेना की मौजूदगी बीजेपी के हिंदुत्व की हवा निकालने में मददगार साबित हो सकती है।
शिवसेना ने ममता बनर्जी के दावों को ख़ारिज करते हुए अपने मुखपत्र सामना संपादकीय में साफतौर पर लिखा कि कांग्रेस के बिना विपक्ष का कोई मजबूत गठबंधन बनना संभव नहीं है। इसलिए जो भी कांग्रेस को बाहर रखकर विपक्ष के गठबंधन बनाने की बात करता है वह अप्रत्यक्ष रूप से बीजेपी को मदद कर रहा है।
इतना ही नहीं समाना ने लिखा कि जो लोग बीजेपी से लड़ रहे हैं, अगर उनका भी मानना है कि कांग्रेस का अस्तित्व खत्म हो जाना चाहिए तो ये रुख सबसे बड़ा खतरा है। अगर विपक्षी दलों में एकता नहीं होगी तो बीजेपी का राजनीतिक विकल्प बनाने की बात बंद कर देनी चाहिए।