सरकार और किसानो के बीच कल होगी बातचीत, कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर कायम किसान
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नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानो के प्रतिनिधियों और सरकार के बीच कल दोपहर दो बजे एक बार फिर बातचीत होगी। बातचीत से पहले किसानो ने एक बार फिर दोहराया है कि सरकार सिर्फ उनके द्वारा सुझाये गए एजेंडे पर बात करे, इधर उधर की बातें न करे।
किसानो और सरकार के बीच अब तक 6 राउंड की बातचीत हो गई है लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला है। इसका अहम कारण किसानो द्वारा की कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग है।
ये हैं किसानो की अहम मांगे:
सरकार की तरफ से बातचीत के लिए भेजी गई नई चिट्ठी पर किसान संगठनों की शनिवार को हुई बैठक में तय किया गया कि बैठक में सिर्फ एजेंडे पर ही बात की जाएगी। इसलिए किसानो ने सरकार के साथ बैठक आयोजित होने से पहले सरकार को भेजे अपने जबाव में उन मुद्दों को भी बता दिया है, जिन पर किसान बात करना चाहते हैं।
(1) तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द/निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि।
(2) सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक एमएसपी की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान।
(3) राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020 में ऐसे संशोधन, जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए जरूरी हैं।
(4)किसानों के हितों की रक्षा के लिए “विद्युत संशोधन विधेयक 2020” के मसौदे में जरूरी बदलाव।
वहीँ कल होने वाली बैठक से एक दिन पहले आज शाम को कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर और कॉमर्स मंत्री पीयूष गोयल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की। माना जा रहा है कि यह बैठक कल सरकार और किसानो के बीच होने वाली बातचीत को लेकर आयोजित की गई थी।
दूसरी तरफ आज 34वे दिन भी किसान आंदोलन जारी रहा। दिल्ली से सटे पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की सीमाओं पर किसानो का धरना जारी है। किसानो ने एलान किया है कि कल सरकार से बातचीत असफल रहती है तो वे ट्रेक्टर रैली आयोजित करेंगे।
सिंघु बॉर्डर पर एक प्रदर्शनकारी ने न्यूज़ एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा कि “हमें हमारा हक दे देंगे तो हम अभी चले जाएंगे नहीं तो हम नहीं जाएंगे। पीछे 700 ट्रोलियां तैयार हैं।
वहीँ गाज़ीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन में शामिल एक किसान ने कहा कि एक प्रदर्शनकारी ने बताया, “कल की बैठक में अगर सरकार ने हमारी बात नहीं मानी तो हम प्रदर्शन करते रहेंगे, हम पीछे नहीं हटेंगे। अगर कानूनों की वापसी होगी तो हम घर जाएंगे वरना नहीं जाएंगे।”