शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन पूर्व पीएम डा मनमोहन सिंह ने दी मोदी सरकार को हिदायत

शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन पूर्व पीएम डा मनमोहन सिंह ने दी मोदी सरकार को हिदायत

नई दिल्ली। शीतकालीन सत्र के पहले ही दिन पूर्व प्रधानमंत्री डा मनमोहन सिंह ने मोदी सरकार को कई मुद्दों पर हिदायत दी। राज्यसभा के 250वें सदन के मौके पर आयोजित ‘भारतीय राजनीति में राज्यसभा की भूमिका व सुधार की जरूरत’ विषय पर चर्चा में भाग लेते हुए डा मनमोहन सिंह ने जम्मू कश्मीर से लेकर अर्थव्यवस्था तक सरकार पर कड़े प्रहार भी किये।

पूर्व प्रधानमंत्री ने जम्मू कश्मीर का मामला उठाते हुए कहा कि राज्यों का परिषद होने के नाते राज्यसभा को ‘सरकार द्वारा उचित सम्मान’ दिया जाना चाहिए और राज्य को केंद्र शासित प्रदेशों में तब्दील करने और इसकी सीमाओं को दोबारा सीमांकन करने के ‘कठोर कदम’ उठाने के समय राज्यसभा से संपर्क करना चाहिए था।

जम्मू व कश्मीर का नाम लिए बिना पूर्व पीएम ने कहा कि राज्य परिषद होने के नाते प्रदेशों की सीमाएं फिर से निर्धारित करने में राज्यसभा की भूमिका ज्यादा होनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्यसभा की तरफ से यह सुनिश्चित करना काफी महत्वपूर्ण कर्तव्य है कि भावना के ज्वार में कोई कानून पारित नहीं किया जाए। इतना ही नहीं उन्होंने राज्यसभा को ज्यादा प्रभावी बनाने के लिए कई सुझाव भी दिए।

डा मनमोहन सिंह ने कहा कि कुछ मामलों में इस सदन को ज्यादा सम्मान मिलना चाहिए, लेकिन वर्तमान में ऐसा नहीं है। मसलन राज्यों की सीमाएं फिर से निर्धारित करने जैसा अहम मामला…उन्हें केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील करना। राज्य परिषद को ऐसे मामलों से निपटने में ज्यादा शक्ति मिलनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि हमने राज्यसभा में बिना किसी चर्चा के धन विधेयक का दुरुपयोग होते देखा है। संसद को यह सुनिश्चित करना चाहिए इस तरह की घटनाएं न हों, क्योंकि इससे संस्थान की गरिमा कम होती है।

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा कि राज्यसभा के सदस्यों की संख्या लोकसभा के सदस्यों की कुल संख्या की आधी है, लेकिन राज्यसभा के सदस्यों को अपनी बात रखने के लिए पर्याप्त समय नहीं मिल पाता है।

संसदीय समिति द्वारा विधेयकों की जांच के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि राज्यसभा के पूरी तरह संचालन के लिए जरूरी है कि बिलों की गहनता से जांच करने की जरूरत है, जहां सदस्य सिर्फ अपना दिमाग ही इस्तेमाल न करें बल्कि इस पर अपनी राय भी दे सकें।

उन्होंने कहा कि 14वीं व 15वीं लोकसभा की तुलना में 16वीं लोकसभा में सिर्फ 25 फीसदी ही बिल कमेटियों को दिए गए। देश की अर्थव्यवस्था का मामला उठाते हुए डा मनमोहन सिंह ने कहा कि ‘भारत की अर्थव्यवस्था की स्थिति बेहद चिंताजनक है। मैं यह विपक्षी राजनीतिक पार्टी के सदस्य के रूप में नहीं बल्कि इस देश के नागरिक और अर्थशास्त्र के छात्र के रूप में कह रहा हूं।’

उन्होंने कहा कि वर्तमान भारतीय अर्थव्यवस्था की दुर्दशा को सुधारने के लिए भाजपा सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। भाजपा में नीति और नीयत दोनों की कमी है। वर्तमान समय जोखिम भरा है। सरकार को इस मामले में विशेषज्ञों की राय पर विचार करना चाहिए।

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TeamDigital