नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट पहुंची केरल सरकार

नागरिकता कानून के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट पहुंची केरल सरकार

नई दिल्ली। केरल सरकार ने नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। सुप्रीमकोर्ट में दायर की गई याचिका में केरल सरकार ने कहा है कि नागरिकता कानून पूरी तरह से संविधान के मूल सिद्धांत धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है।

याचिका में कहा गया है कि नागरिकता संशोधन कानून भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14, 21 और 25 के पूरी तरह से खिलाफ है, इसलिए इसे तुरंत रद्द किया जाना चाहिए।

नागरिकता कानून को लेकर केरल ऐसा पहला राज्य है,जहाँ सरकार ने नागरिकता कानून के खिलाफ विधानसभा में प्रस्ताव रखा और यह प्रस्ताव पारित हो गया। केरल से सबक लेकर अब कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री भी अपने राज्यों में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहे हैं।

इससे पहले कल दिल्ली में विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक में नागरिकता कानून के खिलाफ लड़ाई को और तेज करने को लेकर मंथन हुआ। विपक्ष की इस बैठक में करीब 20 राजनैतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया।

बैठक की अध्यक्षता करते हुए कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नागरिकता कानून और एनआरसी के मुद्दे पर मोदी सरकार पर हमला बोला। सोनिया गांधी ने कहा कि पीएम मोदी और अमित शाह सीएए और एनआरसी के मुद्दे पर देश की जनता को गुमराह कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सरकार से जुड़े लोग देश में नफरत फैला रहे हैं और लोगों का उत्पीड़न कर रहे हैं। आज देश को सांप्रदायिक आधार पर विभाजित करने की कोशिश की जा रही है।

सोनिया गांधी ने मोदी सरकार पर सरकारी संसाधनों का दुरूपयोग करने और संविधान को कमजोर करने की कोशिशों का आरोप लगाते हुए कहा कि हम सभी संविधान बचाने के लिए हर लड़ाई के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि आज नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। सीएए और एनआरसी को लेकर लोग सड़को पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शकारियों पर पुलिस बर्बरता की घटनाओं से लोगों के मन में क्रोध और भय है।

सोनिया गांधी ने जेएनयू, जामिया, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, बीएचयू और एएमयू में हुई हिंसा की घटनाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि अब शिक्षण संस्थान भी बीजेपी के आतंक अछूते नहीं रहे है।

बैठक के बाद कांग्रेस नेता गुलामनबी आज़ाद ने मीडिया से बातचीत में बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी दी। आज़ाद ने कहा कि नागरिकता कानून के खिलाफ विपक्ष पूरी तरह से एकजुट है और आगामी 23 जनवरी को सुभाषचंद्र बोस के जन्मदिन, 26 जनवरी जिस दिन से देश में संविधान लागू हुआ और 30 जनवरी को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि के अवसर पर विपक्ष नागरिकता कानून पर जनता के साथ संवाद करेगा।

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