कुंभ बना कोरोना का नया हॉट स्पॉट, ज़िम्मेदार कौन? कब होगी कार्रवाही?
नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण के बीच उत्तराखंड के हरिद्वार में आयोजित कुंभ मेले में लाखो लोगों के जुटने पर अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत विपक्ष के निशाने पर आ गए हैं। कुंभ मेले के आयोजन के लिए अपनी पीठ थोक रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की अब जमकर आलोचना हो रही है।
हरिद्वार कुंभ मेले में जुटे लाखो लोगों द्वारा सरे आम कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई गईं लेकिन राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं से कोरोना गाइडलाइन का पालन कराने के लिए कोई कदम नहीं उठता। इसके नतीजतन, हरिद्वार कोरोना का हॉट स्पॉट बन गया है।
एक सप्ताह से भी कम समय में हरिद्वार में कोरोना के 1700 नए मामले उजागर हुए हैं। सबसे अधिक 25 संक्रमित सिर्फ पंचदशनाम जूना अखाड़ा और पंचायती अखाड़ा निरंजनी से मिले हैं। इतना ही नहीं इन अखाड़ों में नए संक्रमितों के मिलने का सिलसिला अभी भी जारी है।
सरकार के दावे के पलट स्थानीय लोगों की माने तो कुंभ मेले के आयोजन के दौरान कोरोना संक्रमण को लेकर सतर्कता नहीं बरती गई। यहां उपस्थित सभी लोगों का एनटी पीसीआर टेस्ट नहीं हुआ।
वहीँ 12 अप्रैल को सोमवती अमावस्या और 14 अप्रैल को मेष संक्रांति के मौके पर श्रद्धालुओं का हुजूम स्नान के लिए हरिद्वार में उमड़ पड़ा था। उत्तराखंड स्टेट कोविड कंट्रोल रूम के अनुसार 10 अप्रैल से 14 अप्रैल तक हरिद्वार में कुल 2,167 कोविड मामले पाए गए हैं।
तब्लीगी जमात पर उठाये गए थे सवाल:
पिछले वर्ष दिल्ली में लॉकडाउन के दौरान निजामुद्दीन मर्कज़ में आयोजित हुए तब्लीगी जमात के कार्यक्रम को लेकर बीजेपी नेताओं ने सीधे तौर पर देश में कोरोना संक्रमण बढ़ने तब्लीगी जमात को ज़िम्मेदार बताया था। इतना ही नहीं बीजेपी के कई नेताओं ने तब्लीगी जमात को निशाना बनाते हुए कई ऊलजलूल बयान भी दिए थे।
यहां अहम सवाल यही है कि कोरोना संक्रमण के बीच निजामुद्दीन मर्कज़ में तब्लीगी जमात का कार्यक्रम आयोजित होने पर देशभर में तब्लीगी जमात के लोगों पर कार्रवाही की जा सकती है तो कोरोना संक्रमण के बीच हरिद्वार में कुंभ आयोजन की अनुमति दिए जाने और लाखो लोगों को प्रतिदिन जमा होने देने के लिए ज़िम्मेदार लोगों पर कार्रवाही क्यों नहीं होनी चाहिए ?
सीबीएसई की परीक्षाएं टाली जा सकती हैं तो कुंभ क्यों नहीं:
अहम सवाल यह भी है कि कोरोना संक्रमण के कारण विधालयो के अंदर होने वाली सीबीएसई बोर्ड की परीक्षाएं स्थगित की गई हैं । हालांकि परीक्षा देने आये छात्र छात्राओं से आसानी से कोरोना गाइडलाइन का पालन कराया जा सकता है, परीक्षा के दौरान छात्रों के बीच दूरी रहती है, उन्हें मास्क और सेनेटाइजर इस्तेमाल करने के लिए बाध्य करके परीक्षाएं कराई जा सकती थीं लेकिन इसके बावजूद सीबीएसई की परीक्षाएं स्थगित कर दी गईं हैं। फिर खुले में आयोजित होने वाला कुंभ क्यों नहीं स्थगित किया जा सकता था ?