सरकार ने संसद में दिया जवाब: NPR में नहीं मांगे जाएंगे डॉक्युमेंट, आधार नंबर होगा स्वेच्छिक

सरकार ने संसद में दिया जवाब: NPR में नहीं मांगे जाएंगे डॉक्युमेंट, आधार नंबर होगा स्वेच्छिक

नई दिल्ली। नागरिकता कानून,एनपीआर और एनआरसी को लेकर देशभर में पैदा हुए सस्पेंस के बीच केंद्र सरकार ने आज कहा कि नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) के लिए जनगणना के दौरान देश के लोगों से कोई दस्तावेज नहीं माँगा जाएगा।

एक सवाल के जबाव में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लिखित जबाव में कहा कि राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने के लिए कोई दस्तावेज इकट्ठे नहीं किए जाएंगे। आधार नंबर देना पूरी तरह से स्वैच्छिक है।

गौरतलब है कि सदन के दो सदस्यों चंदन सिंह और नमा नागेश्वर राव ने सरकार से एनआरसी और एनपीआर को लेकर सवाल किया था। सरकार से पूछा गया था कि क्या सरकार देशभर में एनआरसी लागू करेगी और एनपीआर की प्रक्रिया क्या होगी, जनगणना के दौरान लोगों से कौन से दस्तावेज मांगे जाएंगे।

इसके जबाव में गृह राज्यमंत्री नित्यानद राय ने अपने लिखित जबाव में कहा कि ‘अभी तक एनआरसी को राष्ट्रीय स्तर पर तैयार करने का कोई निर्णय नहीं लिया गया है।’ उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने के लिए कोई दस्तावेज इकट्ठे नहीं किए जाएंगे। आधार नंबर देना पूरी तरह से स्वैच्छिक है।’

गौरतलब है कि नागरिकता कानून, एनपीआर और एनआरसी को लेकर देशभर में पिछले करीब 50 दिनों से विरोध प्रदर्शन चल रहे हैं। दिल्ली के शाहीन बाग़ सहित देश के कई शहरों में प्रदर्शनकारी अनिश्चितकालीन धरने पर भी बैठे हैं।

संसद के दोनों सदनों में नारिकता संशोधन बिल पास होने के बाद ही देशभर में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे। लोगों का कहना है कि नागरिकता कानून में धर्म के आधार पर नागरिकता दिया जाना संविधान की मूल भावनाओं का उल्लंघन हैं।

वहीँ नागरिकता कानून और एनपीआर को लेकर सुप्रीमकोर्ट में करीब 150 याचिकाएं दायर की जा चुकी हैं। 22 जनवरी को सुप्रीमकोर्ट में हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए इस मामले में अगली सुनवाई चार हफ्ते बाद किये जाने का फैसला सुनाया था।

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TeamDigital