क्या महाराष्ट्र में शुरू हो चुका है ऑपरेशन कमल, देर रात शाह और नड्डा से मिले फडणवीस
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में एंटीलिया मामले में महाराष्ट्र पुलिस के सचिन वाजे का नाम सामने आने के बाद बीजेपी सत्तारूढ़ महाविकास अघाड़ी की घेराबंदी करने में जुट गई है। इस बीच कल देर रात महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गृहमंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की है।
इस मुलाकात को लेकर माना जा रहा है कि पहले से मौके की तलाश में बैठी बीजेपी ने राज्य में एक बार फिर ऑपरेशन कमल शुरू कर दिया है। जहां एक तरफ पांच राज्यों के लिए विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं वहीँ भारतीय जनता पार्टी मध्य प्रदेश की तर्ज पर महाराष्ट्र में भी जाल बिछा रही है।
इससे पहले कल महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सचिन वाजे मामले में कहा कि अगर रक्षा करने वाले इस प्रकार से अपराधी तत्व बन जाए तो सुरक्षा कौन करेगा ये सवाल है? इसमें सबसे अहम सवाल ये है कि एपीआई सचिन वाजे को नौकरी में वापस क्यों लिया गया?
उन्होंने कहा कि सचिन वाजे 2004 में सस्पेंड हुए,2007 में VRS दिया और उनके ऊपर इन्क्वारी के चलते उनका VRS एक्सेप्ट नहीं हुआ। 2018 में जिस समय मैं CM था उस समय शिवसेना की ओर से दबाव था कि API सचिन वाजे को फिर एक बार सरकार की सेवा में लिया जाए। लेकिन मैंने वाजे को नहीं लिया।
देवेंद्र फडणवीस के बयान पर पलटवार करते हुए महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा, “BJP ने कहा कि सचिन वाजे को निकालो। फिर उन्होंने कहा कमिश्नर को हटाओ। कमिश्नर की बदली हो गई। मुझे लगता है कि नरेंद्र मोदी ने देश में जब सरकार बनाई तो झूठ बोलकर बनाई तो उसका भी राजीनामा मांगो। BJP को लगता है कि उनके दबाव से यह ट्रांसफर हुआ है तो यह उनकी गलतफहमी है।”
इस वक़्त महाराष्ट्र की राजनीति में समुद्र में तूफ़ान आने से पहले जैसी ख़ामोशी है लेकिन यह ख़ामोशी कितने दिनों तक बरकरार रहेगी यह नहीं कहा जा सकता। फिलहाल देवेंद्र फडणवीस द्वारा गृहमंत्री और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से देर रात की गई मुलाकात को लेकर कयासों का दौर शुरू अवश्य हो गया है।
वहीँ एंटीलिया मामले में सरकार के घिरने के बाद राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता शरद पवार एक बार फिर संकट मोचन बनकर सामने आये हैं। एनसीपी सूत्रों के मुताबिक सरकार पर आये संकट के लिए पवार सक्रीय हो गए हैं। इतना ही नहीं शरद पवार ने कांफ्रेंस पर शिवसेना और कांग्रेस नेताओं से भी वार्ता की है।