अर्नब चैट लीक: कांग्रेस ने दागे सवाल, कहा ‘सरकार तुरंत करे कठोर कार्रवाही’
नई दिल्ली। टीआरपी घोटाले की जांच के दौरान सामने आयी रिपब्लिक टीवी के मुख्य संपादक अर्नब गोस्वामी और बार्क के पूर्व चेयरमैन की व्हाट्सएप चैट में हुए वार्तालाप को लेकर आज कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने प्रेस कांफ्रेंस कर राष्ट्रीय सुरक्षा से जुडी जानकारियां लीक होने को लेकर सवाल उठाये।
इस प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व रक्षा मंत्री ए के एंटनी, पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे, पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, पूर्व केंद्रीय मंत्री और राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलामनबी आज़ाद तथा कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा मौजूद थे।
ये ब्रीच ऑफ ऑफिशियल सीक्रेट है: एंटनी
पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी ने व्हाट्सएप चैट में बालाकोट हमले को लेकर हुए वार्तालाप पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा मामला है। उन्होंने कहा कि रक्षा से जुड़े मामले की जानकारी सिर्फ सरकार के चार पांच लोगों को ही होती है। ऐसे में बालाकोट हमले से तीन दिन पहले ही व्हाट्सएप चैट में बालाकोट हमले को लेकर हुई बातचीत कई सवाल खड़े करती है।
एंटनी ने कहा कि ये बेहद गंभीर मामला है। ये ब्रीच ऑफ ऑफिशियल सीक्रेट है। इस पर कार्रवाही होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि एक पत्रकार को बालाकोट हमले की पूर्व जानकारी कैसे हुई और वह किस तरह व्हाट्सएप चैट में इस पर बात कर रहा है। ये अपने आप में कई चीज़ो पर सवाल खड़े करता है।
पहले किसी सरकार में इस तरह की घटना नहीं हुई: शिंदे
पूर्व गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि हमने 2-3 दिन युद्ध भी देखे, अलग-अलग पार्टी की सरकारें देखी। उसमें भी इस तरह की बात ‘आधिकारिक रहस्य अधिनियम’ को डिस्क्लोज करने की बात नहीं हुई थी।
उन्होंने कहा कि जो अर्नब गोस्वामी ने किया वह केवल देश के लिए नहीं बल्कि पूरी पत्रकारिता के लिए एक लांछनास्पद है। इतने सालों में आज तक किसी भी पत्रकार ने इस तरह ‘नेशनल सिक्योरिटी एक्ट’ के बारे में उल्लंघन या ऐसी घटना इस देश में नहीं हुई थी।
शिंदे ने कहा कि जब भी इस देश में, कभी लड़ाई का निर्णय लेना पड़ता है, कभी इंटेलिजेंस का सहारा लेकर हमारे अपने देश की रक्षा के लिए कुछ काम करना पड़ता है तो उसमें प्रमुख चार लोग शामिल रहते हैं जो गुप्तता की बात कहते हैं।
पूर्व गृह मंत्री ने कहा कि इतनी कठिनाई से हमें हमारी आज़ादी मिली और उसमें कुछ सिद्धांत, कानून बनाए जिसमें एक बहुत ही महत्वपूर्ण कानून है – आधिकारिक रहस्य अधिनियम।
प्रेस कांफ्रेंस में पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, पूर्व विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद और राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष गुलामनबी आज़ाद ने भी व्हाट्सएप चैट में हुए वार्तालाप को लेकर सवाल उठाये।
देश के संविधान की शपथ लेने वालों पर ऐसा प्रश्न चिन्ह पहले कभी नहीं लगा : पवन खेड़ा
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि देश के साथ जो खिलवाड़ प्रधानमंत्री जी, अमित शाह साहब एवं अर्नब गोस्वामी (जो खुद को पत्रकार कहते हैं, लेकिन मैं उन्हें पत्रकार नहीं कहूँगा) ने मिलकर जो किया वो पूरा देश स्तब्ध होकर देख रहा है।
पवन खेड़ा ने कहा कि मैं उम्मीद करता हूँ कि देश आखिरी बार यह मंजर देख रहा है। बड़े-बड़े दिखने वाले लोग कितने बौने हो जाते हैं कि अपना ईमान एक ऐसे व्यक्ति के साथ मिलकर जो अपने आप को पत्रकार कहता है, बेच रहे हैं।
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका पर, देश के संविधान की शपथ लेने वालों पर ऐसा प्रश्न चिन्ह पहले कभी नहीं लगा। 73 सालों में ऐसी गंदगी जहां संविधान परंपरा, परिपाटी, नियम, कानून सब देश के सर्वोच्च नेतृत्व के हाथों छिन्न भिन्न हो रहे हैं।
कोई भी व्यक्ति देश, लोकतंत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा से बड़ा नहीं होता:
पवन खेड़ा ने कहा कि कोई भी व्यक्ति देश, लोकतंत्र और राष्ट्रीय सुरक्षा से बड़ा नहीं होता है। उन्होंने कहा कि अभिनंदन की चिंता में यह देश कई-कई रात तक सोया नहीं था। देश दु:खी था। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति 40 जवानों की शहादत पर तालियां बजा रहा हो, सूचनाओं का आदान-प्रदान कर रहा हो तो माफ कीजिएगा जांच में बहुत देर हो गयी, यह बहुत पहले हो जाना चाहिए था।
अर्नब गोस्वामी को ये सूचनाएं कहां से मिली?
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि अर्नब गोस्वामी को ये सूचनाएं कहां से मिली और ये सूचनाएं अर्नब गोस्वामी ने कहां-कहां दी? क्योंकि अभी तो हमें सिर्फ पार्थो दासगुप्ता के बारे में पता है कि उनको दी गयी। उनको यह सूचना कहां से मिली? यह सूचना चार लोग जानते थे- प्रधानमंत्री, गृहमंत्री, रक्षामंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार। चैट्स में अगर आप देखेंगे तो लगभग सबके नाम यह लोग ले रहे हैं।
पवन खेड़ा ने कहा कि क्या आपके ऐसे संबंध है सरकार से कि जिसमें मुआवजा है। आपको उनसे लाभ मिलता है और उन्हें आपसे इसलिए आप देश को सच नहीं बताते और खुद को पत्रकार कहते हैं, लानत है ऐसी पत्रकारिता पर।
खेड़ा ने कहा कि आप निजी तौर पर बोलते हैं कि अर्थव्यवस्था तबाह हो गई लेकिन कहते हैं कि मैं टीवी पर नहीं बोल सकता। क्यों? क्या दबाव है आप पर? आपकी क्या मजबूरी है कि आप देश को बता नहीं सकते कि अर्थव्यवस्था डूबी हुई है?
उन्होंने कहा कि यह आत्मचिंतन हम तो करते हैं बल्कि हम सबको करना होगा क्योंकि देश और लोकतंत्र खतरे में है। टीआरपी की दौड़ में हम ब्रेकिंग न्यूज़ के लिए धर्म, जाति, विचारों के आधार पर समाज को ब्रेक कर रहे हैं।
पवन खेड़ा ने कहा कि ये नरेंद्र मोदी का अपना लुटियंस गैंग सामने दिख रहा है जिसके प्रमुख CEO हैं। पार्थो दासगुप्ता को अमित शाह से मिलवाने के लिए ले जाया जा रहा है। क्यों? वहाँ क्या बात हुई? आप अपने प्रतिद्वंदियों को फिक्स कर रहे हैं। अलग-अलग चैनल्स के बारे में जिक्र है कि उनको फिक्स करिए।
खेड़ा ने कहा कि अमित शाह के विषय में पार्थो दासगुप्ता और अर्नब गोस्वामी की जो चैट्स सामने आई है, वह चौंकाने वाली है। आप उस पर दबाव बना रहे हैं क्योंकि अर्नब गोस्वामी चाहता है कि दबाव डाला जाए। ये किसी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का काम है? आप पार्टी के प्रेसिडेंट हैं, आपका क्या हक बनता है कि TRAI जो कि एक ऑटोनॉमस एजेंसी है, उसकी गतिविधियों में आप हस्तक्षेप कर रहे हैं।
इतना ही नहीं पवन खेड़ा ने कहा कि रिपब्लिक टीवी का नाम लेकर कहा कि तुम मुझे फर्जी टीआरपी करने दो मैं तुम्हें फर्जी पब्लिक ऑपिनियन बना कर दूंगा। क्या था quid pro quo (मुआवज़ा)? यह हो क्या रहा था।
पवन खेड़ा ने सवाल किया कि प्रधानमंत्री का नाम लेने की हिम्मत एक बिजनेसमैन, या यूं कहें कि एक लॉबिस्ट में कैसे आ जाती है? ये कहते हैं कि 18 घंटे काम करते हैं। क्या काम करते हैं, ये इन इन चैट्स से मालूम चल जाता है। ये इस विश्व के, सबसे बड़े लोकतंत्र के चुने हुए प्रधानमंत्री हैं।