नागरिकता कानून के विरोध में आज से धरना देगी बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार
नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर जहाँ देशभर में विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी हैं वहीँ इसे लागू करने को लेकर बीजेपी की सहयोगी पार्टियां भी कदम उठाने से कतरा रही हैं।
नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर जहाँ बिहार में बीजेपी की सहयोगी जनता दल यूनाइटेड के अंदर विरोधी सुर उठ रहे हैं वहीँ अब त्रिपुरा में बीजेपी की अगुवाई वाली सरकार भी इसे लेकर विरोध जता रही है। आईपीएफटी यहां भाजपा की अगुवाई वाली सरकार में शामिल है।
इतना ही नहीं नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के दायरे से त्रिपुरा को बाहर रखने और आदिवासियों के लिए अलग त्रिपुरालैंड के गठन की मांग को लेकर बीजेपी की सहयोगी इंडीजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) सोमवार से राज्य के तीन विभिन्न स्थानों पर बेमियादी धरना देगी।
वहीँ पूर्वोत्तर राज्य असम में नागरिकता कानून को लेकर अभी भी विरोध प्रदर्शन जारी हैं। यहाँ आल असम स्टूडेंट यूनियन सहित कई छात्र संगठनो, सामजिक संगठनों की तरफ प्रतिदिन विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।
नागरिकता कानून को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने अभी हाल ही में कहा था कि सरकार इसे लागू करने से एक इंच भी पीछे नहीं हटेगी। इसके बावजूद कई जगह प्रदर्शन जारी हैं।
नागरिकता कानून के विरोध में दिल्ली के शाहीन बाग़ में प्रदर्शनकारी सड़क पर डेरा जमाये बैठे हैं तो हैदराबाद में नागरिकता कानून के विरोध में अब तक का सबसे बड़ा विरोध मार्च निकाला गया। इस विरोध मार्च में एक लाख से अधिक लोगों ने भाग लिया।
बिहार में उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी द्वारा एनपीआर शुरू करने की तारीख का एलान किये जाने के बाद जनता दल यूनाइटेड के अंदर सवाल उठना शुरू हो गए हैं। रविवार को जनता दल यूनाइटेड के महासचिव पवन वर्मा ने पत्र लिखकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सीएए, एनपीआर और एनआरसी को सार्वजनिक तौर पर खारिज करने की अपील की।
नागरिकता कानून को लेकर देश के कई राज्यों के मुख्यमंत्री अपना विरोध जता चुके हैं। कांग्रेस शासित राज्यों पंजाब, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ के अलावा केरल की वामपंथी सरकार के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन नागरिकता अपने राज्य में नागरिकता कानून लागू करने से इंकार कर चुके हैं।
महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महाविकास अघाड़ी सरकार में कांग्रेस की मंत्री वर्षा गायकवाड़ ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र में नागरिकता कानून लागू नहीं किया जाएगा।