भारत जोड़ो यात्रा से भागवत मस्जिद-मदरसा जाने को मजबूर हुए, मोदी भी जल्द पहनने लगेंगे टोपी: दिग्विजय

भारत जोड़ो यात्रा से भागवत मस्जिद-मदरसा जाने को मजबूर हुए, मोदी भी जल्द पहनने लगेंगे टोपी: दिग्विजय

इंदौर। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्य सभा सांसद दिग्विजय सिंह ने भारत जोड़ो यात्रा को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का असर यह है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत मदरसा और मस्जिद चले गए और कुछ ही दिनों में पीएम मोदी भी टोपी पहननी शुरू कर देंगे।

भारत जोड़ो यात्रा के इंदौर आगमन से पहले तैयारियों का जायजा लेने आये दिग्विजय सिंह ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान बीजेपी पर प्रमुखता से निशाना साधा। उन्होंने कहा कि आजकल बीजेपी आलोचना के लिए राहुल गांधी को इसलिए चुन रही है क्यों कि उनकी भारत जोड़ो यात्रा का असर दिखाई देना शुरू हो गया है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब और अन्य देशों में तो ‘टोपी’ पहनते हैं, लेकिन वह भारत लौटने के बाद सिर पर ‘टोपी’ नहीं लगाते।

वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि भारत जोड़ो यात्रा का असर इससे पता चलता है कि अब संघ के एक बड़े नेता को कहना पड़ा कि देश के गरीब लोग और गरीब तथा अमीर लोग और अमीर होते जा रहे हैं। दिग्विजय ने कहा कि आप देखिएगा, जब यह यात्रा अपने आखिरी मुकाम श्रीनगर पहुंचेगी, तब क्या होता है।

गुजरात के आगामी विधानसभा चुनावों में आम आदमी पार्टी (आप) और ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के चुनाव लड़ने पर दिग्विजय ने कहा, “मैं कई साल से यह कहता आ रहा हूँ कि ये पार्टियां संघ की ‘कांग्रेस मुक्त भारत’ परिकल्पना का हिस्सा और ‘भाजपा की बी टीम’ हैं।”

उन्होंने दावा किया कि दोनों पार्टियां (आप और एआईएमआईएम) सिर्फ अन्य दलों के वोट काटने के लिए चुनाव लड़ती हैं, ताकि भाजपा को मदद मिल सके। इसके अलावा इनका कोई और राजनीतिक मकसद नहीं है।

आदिवासी क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की जयंती पर मध्य प्रदेश के शहडोल जिले में राज्य सरकार की ओर से आयोजित ‘जनजातीय गौरव दिवस’ कार्यक्रम में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के शामिल होने के सवाल पर दिग्विजय सिंह ने बीजेपी को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि भाजपा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लोगों की भलाई के नाम पर केवल दिखावटी आयोजनों पर भरोसा करती है।

उन्होंने कहा कि हमें गर्व है कि द्रौपदी मुर्मू हमारे देश की राष्ट्रपति हैं। हम उम्मीद करते हैं कि वह मध्य प्रदेश में आदिवासियों को दी जाने वाली प्रताड़ना पर कुछ बोलेंगी। उन्होंने कहा कि अगर वह इस विषय में न बोलना चाहें, तो हमारे प्रतिनिधिमंडल को उनसे चर्चा का समय दे सकती हैं।

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