संयुक्त किसान मोर्चा का आरोप: मोदी सरकार ने किया धोखा, 26 नवंबर से किसान करेंगे राजभवन मार्च
नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) ने आरोप लगाया है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने किसानो के साथ विश्वासघात किया है। एसकेएम ने कहा कि सरकार ने 19 नवंबर को तीनो कृषि कानूनों को निरस्त करने का आदेश दिया था लेकिन किसानों की लंबित मांगों को लेकर कोई कदम नहीं उठाया।
संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि वह तीनो कृषि कानूनों को रद्द होने के लिए 19 नवंबर के दिन फतह दिवस मनाएंगे। मोर्चा ने कहा कि 26 नवंबर को किसान राजभवनों की ओर मार्च निकालेंगे।
संयुक्त किसान मोर्चा ने केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानों के आंदोलन खत्म करने के एवज में अपने किये वादे भूल गई है। किसान मोर्चा ने कहा कि केंद्र सरकार ने न तो न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर समिति का गठन किया, और न ही आंदोलन के दौरान किसानों के खिलाफ दर्ज किए गए मामले वापस लिए गए।
किसान नेता दर्शन पाल ने गुरुवार को कहा कि सभी राजनीतिक दलों के लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के कार्यालयों तक एक से 11 दिसंबर तक मार्च आयोजित किया जाएगा। 26 नवंबर को किसान राजभवनों की ओर मार्च निकालेंगे।
गौरतलब है कि तीन कृषि कानूनों को रद्द करने सहित कई मांगो को लेकर किसान संगठनों ने दिल्ली, पंजाब और हरियाणा की सीमा पर बड़ा आंदोलन किया था। यह आंदोलन नवंबर महीने में ही शुरू हुआ था और करीब एक वर्ष बाद मोदी सरकार ने तीनो कृषि कानूनों को रद्द करने का एलान किया था। इसके बाद किसान आंदोलन समाप्त होने का एलान किया गया और दिल्ली की सीमाओं पर जुटे सभी किसान वापस अपने घरो को लौट गए थे।