मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शादियों में फ़िज़ूल खर्ची रोकने और दहेज़ के खिलाफ शुरू किया अभियान

मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शादियों में फ़िज़ूल खर्ची रोकने और दहेज़ के खिलाफ शुरू किया अभियान

नई दिल्ली। मुस्लिम समुदाय में शादियों में फ़िज़ूलखर्ची रोकने और दहेज़ के लेन देंन पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने एक अभियान शुरू किया है।

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडलर से ट्वीट कर यह जानकारी दी है। ट्वीट में कहा गया है कि मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने शादी को आसान बनाने और रीति-रिवाजों और प्रथाओं पर अंकुश लगाने के लिए और विशेष रूप से दहेज लेन-देन और बेटियों पर हो रहे ज़ुल्म को रोकने के लिए अभियान शुरू किया है।

आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के मुताबिक, इस अभियान की ज़िम्मेदारी बोर्ड के सचिव मौलाना उमरैन महफूज रहमानी संभाल रहे हैं। उन्होंने महाराष्ट्र, गुजरात, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और कर्नाटक के उलमा और सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करके अभियान शुरू किया है। अन्य राज्यों में काम कुछ ही दिनों में शुरू हो जाएगा।

इस अभियान में, यह भी तय किया गया है कि जिस शादी में दहेज के लिए जबरन लेन-देन होता है, उसमें उलमा और क़ाज़ी शामिल ना हों, यह कदम बेटियों की सुरक्षा के लिए आवश्यक है।

गौरतलब है कि अभी हाल ही दहेज़ के लिए प्रताड़ित किये जाने का आरोप लगाते हुए अहमदाबाद में आयशा नामक एक मुस्लिम युवती साबरमती नदी में कूद कर जान दे दी थी। आयशा ने ख़ुदकुशी करने से पहले अपने एक वीडियो भी साझा किया था।

इस घटना के बाद आल इंडिया पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने देश के सभी उलेमाओं, इमामो से अपील की कि जुमे के दिन नमाज़ से पहले होने वाले बयानों में महिला अधिकारों को भी शामिल किया जाए और मुसलमानो को इस्लाम में महिला अधिकारों की जानकारी दी जाए।

फरंगी ने कहा कि इस्लाम में दहेज़ के लिए कोई स्थान नहीं है। इसके अलावा इस मजहब में महिला अधिकारों को विशेष प्राथमिकता दी गई है। बहुत से लोग मुसलमान होते हुए भी इस्लाम में बताई गई बातो को नज़रअंदाज कर रहे हैं। ऐसे लोगों की आखें खोलने की ज़रूरत है।

इतना ही नहीं आल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने भी शादी में दहेज़ लेने वालो पर सख्त नाराज़गी जताई थी। ओवैसी ने इस्लाम में महिला अधिकारों का ज़िक्र करते हुए कहा था कि हमे महिला अधिकारों का विशेष तौर पर ध्यान रखना होगा।

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