करनाल में लाठी चार्ज के बाद किसानो ने भरी हुंकार, देशभर में और तेज होगा किसान आंदोलन
नई दिल्ली। करनाल मे बस्तर टोल प्लाजा पर शनिवार को प्रदर्शन कर रहे किसानो पर हुए पुलिस लाठीचार्ज में घायल हुए एक किसान की आज हार्ट अटैक से मौत हो गई। इस बीच किसानो ने देशभर में आंदोलन तेज करने का एलान किया है।
रविवार को भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने मेवात के नूंह में कहा कि क्या हम खालिस्तानी हैं? सरकार ने खालिस्तानी कहा। अगर हम खालिस्तानी हैं तो यहां सरकारी तालिबानियों का देश पर कब्जा हो चुका है। उनका पहला कमांडर आईएस के रूप में देश में मिल गया है।
टिकैत ने कहा कि वे (सरकार) कहते हैं कानून में काला क्या है ये बताओ। हमने कहा कि कानून में सफेद क्या हो वो बताओ। वे कहते हैं कि इसके अंदर का सब बदल देंगे, बाहर का न बदलवाओ। ये 3 कानून भी बदले जाएंगे। एमएसपी पर गारंटी कार्ड भी चाहिए।
उन्होंने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड एक दिन किसान की मौत का कार्ड बनेगा। देश कंपनियों के हाथो में जा चुका है। अदानी ने पूरे हिमाचल के सेब के बागानों पर कब्जा कर लिया है। बड़े-बड़े गोदाम वहां बन चुके हैं। जो रेट 2011 में था आज भी वे उसी रेट पर खरीद कर रहे हैं।
अखिल भारतीय किसान सभा के नेता हन्नान मुल्ला ने कहा कि शनिवार को बिना उकसावे के लाठीचार्ज में 10 किसान घायल हो गए, जिससे विरोध तेज होने की उम्मीद है।
किसान नेता ने कहा कि हमारा प्रयास हमेशा किसानों के मुद्दों को शांतिपूर्ण ढंग से उठाने का रहा है, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य को न्यूनतम मूल्य के रूप में अनिवार्य करने की आवश्यकता भी शामिल है। लेकिन अगर हम पर हमला होता है, जैसा कि अक्सर हरियाणा में राज्य सरकार के आदेशों के तहत देखा गया है, तो हमें अपना बचाव करना होगा।
लोकतंत्र लाठी और गोली से नहीं चलाया जा सकता: हुड्डा
करनाल में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि लोकतंत्र लाठी और गोली से नहीं चलाया जा सकता। सरकार लोगों का दिल जीतने से चलती है। समस्या का समाधान बातचीत से निकलता है। बातचीत से समाधान निकालना चाहिए। लाठी चलाने से आवाज नहीं दबती है।
पूर्व सीएम ने कहा कि कल जो कुछ भी हुआ उसकी उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए। किसी अधिकारी को पुलिस को इस तरह निर्देश देने का कोई अधिकार नहीं है। वर्दी वालों को जो निर्देश दिए जा रहे थे वो थानेदार, एसपी या डीएसपी का काम है।