मध्य प्रदेश में अब सिर्फ 1प्रतिशत वोटों की लड़ाई लड़ रही कांग्रेस
भोपाल ब्यूरो(राजाज़ैद)। मध्य प्रदेश में जैसे जैसे चुनाव की तारीख करीब आ रही है वैसे वैसे आरोप प्रत्यारोपो का दौर और तेजी पकड़ रहा है। यहाँ बीजेपी की खिसियाहट की दो अहम वजह हैं पहला सीएम शिवराज सिंह के खिलाफ कांग्रेस द्वारा अरुण यादव जैसे हैवी वेट उम्मीदवार को उतारा जाना और दूसरा बीजेपी के वोट शेयर में लगातार हो रही कमी है।
चुनावी जानकारों की माने तो अब की स्थति में कांग्रेस और बीजेपी में मात्र एक प्रतिशत वोट शेयर का फर्क बचा है और एक प्रतिशत वोट की लड़ाई लड़ी जा रही है। मध्य प्रदेश में जब चुनावो का एलान हुआ था उस समय बीजेपी और कांग्रेस में करीब 7 प्रतिशत वोट शेयर का बड़ा अंतर् था लेकिन जैसे जैसे चुनाव आगे बढ़ा कांग्रेस की तरफ मतदाताओं के आकर्षित होने से यह फासला घटकर सिर्फ एक प्रतिशत ही बचा है।
हालाँकि बीजेपी के नेताओं को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभाएं उनके लिए बड़ी संजीवनी का काम करेंगी लेकिन वहीँ दूसरी तरफ नर्मदा से सटी विधानसभाओं में बीजेपी के मतदाता लगातार पाला बदल रहे हैं। ऐसे में बीजेपी का यह दावा गलत भी साबित हो सकता है।
हाल ही में कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ का एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमे वह यह कहते दिख रहे हैं कि यदि 90 प्रतिशत से कम मुसलमानो ने मतदान किया तो कांग्रेस पार्टी को बड़ा घाटा हो सकता है।
दरअसल कमलनाथ जो कह रहे हैं वही सच है। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि बीजेपी अपनी सत्ता बचाने के लिए चुनाव में अपने परम्परागत मतदाताओं का अधिक से अधिक मतदान कराने की कोशिश करेगी। जिससे बीजेपी और कांग्रेस के बीच चल रहै एक प्रतिशत वोट शेयर का अंतर् बढ़ सकता है और बीजेपी जीत जाएगी। हालाँकि वोट शेयर बीजेपी के पक्ष में बढ़ने के बावजूद भी त्रिशंकु विधानसभा के पूरे आसार बन रहे हैं और कांग्रेस और बीजेपी के बीच सीटों का फासला पहले की तरह बहुत बड़ा नहीं रहेगा।
बीजेपी की रणनीति को भांपते हुए कांग्रेस चाहती है कि वह भी अपने परम्परागत मतदाताओं के वोटों का प्रतिशत बढ़ाये। जिससे एक प्रतिशत मतों के अंतर् को समाप्त करके बीजेपी पर बढ़त बनायीं जा सके।
फिलहाल ज़मीनी हकीकत को देखें तो राज्य के मतदाताओं के बीच पिछले एक सप्ताह में बीजेपी का विरोध बढ़ा है। कई विधानसभा क्षेत्रो में बीजेपी उम्मीदवारों के विरोध होने की ताजा ख़बरें सामने आयी हैं। यह अलग बात है कि मीडिया के कैमरों के सामने मतदाता खुलकर नहीं बोल रहा है लेकिन बड़ी सच्चाई यही है कि राज्य में बदलाव की हवा ने अब और तेजी पकड़ ली है।
अभी मतदान में करीब एक सप्ताह का समय बाकी है। इस एक सप्ताह को बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आने वाले 5 दिनों में धनबल का इस्तेमाल होगा, और रातो रात चुनावी ठकेदार इधर से उधर पाला बदलेंगे। सही स्थति चुनाव से एक दिन पहले पता चल सकेगी जब प्रचार थम चूका होगा।
ऐसे में इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि आज कांग्रेस जिस एक प्रतिशत वोट की लड़ाई लड़ रही है आने वाले दिनों में कांग्रेस के लिए यह लड़ाई बड़ी भी हो सकती है और छोटी भी। सभी की निगाहें मुस्लिम, दलित और पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं पर टिकी हैं क्यों कि ,मध्य प्रदेश की आधे से अधिक विधानसभाओं में इन्ही के वोट निर्णायक भूमिका निभाएंगे।