फर्जी जाति प्रमाण-पत्र से चुनाव लड़ने वाले भाजपा विधायक का निर्वाचन शून्य

BJP-MLA

जबलपुर। सुप्रीम कोर्ट ने कटनी बड़वारा के भाजपा विधायक मोती कश्यप की अपील खारिज करते हुए साल 2013 में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले को सही ठहराया। हाई कोर्ट ने विधायक कश्यप के निर्वाचन को शून्य घोषित कर दिया था। जिसके खिलाफ मोती ने सुप्रीम कोर्ट से स्टे हासिल कर लिया था।

आखिरकार सुप्रीम कोर्ट ने अपील खारिज कर दी। जबलपुर के अधिवक्ता अरविंद श्रीवास्तव, राजेंद्र गुप्ता व दिनेश उपाध्याय के मुताबिक कटनी बड़वारा निवासी आदिवासी नेता रामलाल कोल ने 2008 के विधासनसभा चुनाव के बाद हाई कोर्ट में याचिका दायर करके मोती कश्यप का निर्वाचन शून्य किए जाने की मांग की थी।

इसके लिए मुख्य आरोप यही लगाया गया था कि मोती कश्यप मूलतः ढीमर जाति के हैं, जो अनुसूचित जनजाति के अंतर्गत नहीं आती। इसके बावजूद उन्होंने एसटी का फर्जी जाति प्रमाणपत्र बनवा लिया। जिसके आधार पर एसटी के उम्मीदवार के लिए आरक्षित कटनी बड़वारा सीट से भाजपा की टिकट पर प्रत्याशी बन गए और निर्वाचित हो गए।

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TeamDigital