पढ़िए : महाराष्ट्र में उठापटक पर किसने क्या कहा

पढ़िए : महाराष्ट्र में उठापटक पर किसने क्या कहा

नई दिल्ली। महाराष्ट्र में रातोरात हुई राजनैतिक उठापटक के बाद सुबह बनी सरकार को लेकर राजनैतिक दलों के नेताओं की अलग अलग प्रतिक्रियाएं आयी है। जहाँ एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार ने महाराष्ट्र में बनी नई सरकार से एनसीपी के किसी तरह के लेनदेन से इंकार कर दिया है। पवार ने कहा कि अजित पवार का यह निजी फैसला है और इस बारे में मुझे कुछ नहीं पता था।

कांग्रेस ने इस घटनाक्रम पर हैरानी जताई है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अभिषेक सिंघवी ने यह भी कहा कि कांग्रेस, शिवसेना और एनसीपी को तीन दिन के भीतर बातचीत पूरी कर लेनी चाहिए थी। अभिषेक मनु सिंघवी ने एक ट्वीट में लिखा, ‘महाराष्ट्र के बारे में पढ़कर हैरान हूं। पहले लगा कि यह फर्जी खबर है। निजी तौर पर बोल रहा हूं कि तीनों पार्टियों की बातचीत तीन दिन से ज्यादा नहीं चलनी चाहिए थी। यह बहुत लंबी चली। मौका दिया गया तो फायदा उठाने वालों ने इसे तुरंत लपक लिया।’

वहीँ एनसीपी नेता नवाब मालिक का दावा है कि राज्यपाल को दी गयी एनसीपी विधायकों की लिस्ट में विधायकों के हस्ताक्षर असली नही हैं। उन्होंने कहा हमने विधायकों की बैठक में उनकी उपस्थिति के लिए उनसे हस्ताक्षर कराये थे। उन हस्ताक्षरों का दुरूपयोग करके शपथ ग्रहण हुआ है। ये धोखे से बनाई गयी सरकार है और ये विश्वास मत के दौरान विधानसभा में गिर जाएगी।

शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि अजित पवार ने महाराष्ट्र की जनता के साथ विश्वासघात किया है। उन्होंने कहा कि “कल 9 बजे तक ये महाशय (अजीत पवार) हमारे साथ बैठे थे, अचानक गायब हो गए। वो नज़रो से नज़रें मिलाकर नहीं बोल रहे थे , जो व्यक्ति पाप करने जाता है,उसकी नज़रें झुकती है , वैसे बात कर रहे थे। “

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि ये संविधान के साथ बड़ा मज़ाक है। बीजेपी ने ऐसा ही गोवा, मेघालय और अन्य राज्यों में भी किया था। एनसीपी का कोई विधायक इसका समर्थन नहीं करेगा। अजीत पवार अकेले ही बीजेपी के साथ गए हैं।

वहीँ अब से थोड़ी देर में एनसीपी प्रमुख शरद पवार और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करेंगे। माना जा रहा है कि शाम तक एनसीपी अपने सभी विधायकों की बैठक बुला सकती है। इस बैठक में मौजूद विधायकों की तादाद के बाद एनसीपी आगे की रणनीति का खुलासा करेगी।

इससे पहले महाराष्ट्र में सुबह तड़के पांच बजकर 47 मिनट पर राष्ट्रपति शासन हटाए जाने की अधिसूचना जारी हुई। तेजी से बदले राजनैतिक घटनाक्रम में रातोरात उठापटक के बाद बीजेपी को सरकार बनाने की इतनी जल्दी थी कि उसने सुबह का सूरज भी नहीं निकलने दिया और देवेंद्र फणडवीस एक बार फिर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बन गए हैं।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital