उपचुनाव में कांग्रेस के लिए काम करेंगे प्रशांत किशोर, पीसी शर्मा ने लगाई मुहर

उपचुनाव में कांग्रेस के लिए काम करेंगे प्रशांत किशोर, पीसी शर्मा ने लगाई मुहर

भोपाल ब्यूरो। मध्य प्रदेश में होने जा रहे 24 सीटों के लिए उपचुनाव में चुनाव विशेषज्ञ प्रशांत किशोर कांग्रेस के लिए काम करेंगे। कमलनाथ सरकार में मंत्री रहे वरिष्ठ कांग्रेस नेता पीसी शर्मा ने आज इस पर अपने बयान से मुहर लगा दी है।

इससे पहले कांग्रेस के अंदर उपचुनाव में प्रशांत किशोर की सेवाएं लेने को लेकर मंथन चल रहा था। ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि प्रशांत किशोर के साथ बातचीत की जा रही है लेकिन कांग्रेस की तरफ से इस बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं आया था।

अब पार्टी के विधायक और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने उपचुनाव में प्रशांत किशोर की सेवाएं लेने के कयासों पर मुहर लगा दी है। पीसी शर्मा ने मंगलवार को कहा कि चुनाव प्रचार के लिए प्रशांत किशोर से बातचीत चल रही है।

उन्होंने कहा कि प्रशांत किशोर चुनाव को लेकर सर्वेक्षण कराएंगे और पार्टी को एक सोशल मीडिया रणनीति बनाने में मदद करेंगे। कोरोना की वजह से रैलियों और जनसभा के आसार नहीं दिख रहे हैं। पार्टी अब सोशल मीडिया के माध्यम से जनता के बीच पहुंचने की कोशिश कर रही है।

प्रशांत किशोर ने पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस पार्टी के लिए काम किया था। वे पार्टी को उम्मीदवारों के चयन और मतदान के मुद्दे को लेकर मदद करेंगे।

पीसी शर्मा ने दावा किया कि उपचुनाव में कमलनाथ के नेतृत्व में कांग्रेस बीजेपी को एक बार फिर धराशाही करेगी। उन्होंने कहा कि 2018 के विधानसभा में राज्य में बीजेपी के सत्ता में होने के बावजूद कमलनाथ ने बीजेपी को परास्त किया और उपचुनाव में भी कमलनाथ अपने अनुभव से बीजेपी को पटखनी देंगे।

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 22 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद खाली हुई सीटों और पहले से रिक्त पड़ी दो सीटों को मिलाकर कुल 24 सीटों पर उपचुनाव होना है। हालांकि अभी तक उपचुनाव की तारीखों का एलान नहीं किया गया है लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि जुलाई या उसके बाद कभी भी उपचुनाव हो सकते हैं।

मध्य प्रदेश की 230 सीटों वाली विधानसभा में 24 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने के बाद राज्य में सरकार बनाने के लिए 116 विधायकों की आवश्यकता होगी। अभी बीजेपी के पास 107 विधायक और कांग्रेस के पास 92 विधायक हैं। वहीँ दो निर्दलीय, एक सपा और बसपा के दो विधायक हैं।

उपचुनाव में कांग्रेस के सामने जहाँ 24 सीटों में से कम से कम 16 सीटें जीतने की चुनौती है वहीँ बीजेपी के समक्ष सत्ता बचाये रखने की चुनौती होगी। ऐसे में दोनों तरफ से पूरी ताकत झौंका जाना तय माना जा रहा है।

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