जम्मू कश्मीर: डीडीसी चुनाव के लिए मतदान आज, परिणामो से तय हो जायेगा सियासी भविष्य
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नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर में डिस्ट्रिक्ट डवलपमेंट काउंसिल और पंचायत उपचुनाव के लिए आज पहले चरण का मतदान होगा। जम्मू-कश्मीर के केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली बार डीडीसी का चुनाव हो रहा है।
चुनाव प्रक्रिया शनिवार 28 नवंबर से शुरू होगी और 19 दिसंबर तक आठ चरणों में वोट डाले जायेंगे तथा 22 दिसंबर को मतगणना के साथ ही चुनाव परिणाम घोषित किये जायेंगे।
इन चुनावो में ईवीएम का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा और बैलेट पेपर से मतदान होगा। डीडीसी चुनाव के ज़रिये राज्य जम्मू क्षेत्र की 10 और कश्मीर घाटी की 10 यानी कुल 20 जिलों के लिए डीडीसी का गठन किया जायेगा। हर जिले में 14 निर्वाचन क्षेत्र होंगे।
गैर बीजेपी दलों ने बनाया गठबंधन:
जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद राज्य में ये पहले चुनाव हैं। इसलिए इन चुनावो को अहम माना जा रहा है। इन चुनावो को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर जनमत संग्रह के रूप में देखा जा रहा है।
इस बार हो रहे डीडीसी चुनाव में विपक्षी दलों ने गठबंधन किया है और वे मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। इसमें नेशनल कांफ्रेंस, पीडीपी, कांग्रेस,सीपीआई तथा अन्य दल शामिल हैं। गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को पुनः बहाल करने को लेकर कई दलों ने मिलकर गुपकार समूंह बनाया है। इसलिए मना जा रहा है कि डीडीसी और पंचायत के उपचुनाव के परिणाम जम्मू कश्मीर का सियासी भविष्य तय करेंगे।
महबूबा मुफ़्ती को नहीं करने दी प्रेस वार्ता, लगाया नज़रबंदी का आरोप:
डीडीसी चुनाव से एक दिन पहले पीडीपी नेता और जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने जम्मू कश्मीर प्रशासन पर प्रेस वार्ता न करने देने का आरोप लगाया है। महबूबा मुफ़्ती ने शुक्रवार को अपने आवास पर प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया था लेकिन अधिकारियों ने मुफ्ती को यहां अपने आवास पर प्रेसवार्ता आयोजित करने से रोक दिया।
महबूबा मुफ्ती ने दावा किया कि उन्हें नजरबंद किया गया है। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्हें पुलवामा में एनआईए द्वारा गिरफ्तार किये गए पार्टी नेता वहीद पर्रा के आवास पर नहीं जाने दिया गया।
महबूबा मुफ़्ती ने मुफ्ती ने ट्वीट कर कहा, ”श्रीनगर में मेरे आवास में प्रवेश करने से प्रेस को रोक दिया गया. ऐसा बिना किसी लिखित आदेश के किया गया। कश्मीर एक ‘खुली जेल’ बना गया है, जहां किसी को भी अपनी राय व्यक्त करने का अधिकार नहीं है।”
वहीँ पुलिस ने अपने ट्विटर अकाउंट के जरिये ट्वीट कर दावा किया कि मुफ्ती को नजरबंद नहीं किया गया है और उन्हें सुरक्षा कारणों से केवल पुलवामा की अपनी यात्रा को स्थगित करने को कहा गया है।