चीन में उइगर मुस्लिमों पर ज़ुल्म के खिलाफ अमेरिकी संसद ने किया बिल पारित

चीन में उइगर मुस्लिमों पर ज़ुल्म के खिलाफ अमेरिकी संसद ने किया बिल पारित

वाशिंगटन। चीन में उइगर मुसलमानो पर ज़ुल्म के खिलाफ अमेरिकी संसद ने बिल पारित कर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की स्वीकृति के लिए व्हाइट हाउस भेजा है। कोरोना वायरस को लेकर अमेरिका और चीन के बीच पहले से ही आरोपों का दौर जारी है।

इस बीच बुधवार को प्रतिनिधि सभा द्वारा पारित किये गए बिल में चीन के पश्चिमी क्षेत्र शिनजियांग में उइगर मुसलमानों को अवैध डिटेंशन में रखने, धार्मिक आज़ादी खत्म करने और प्रताड़ित करने के लिए चीनी अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंधों का आह्वान किया गया है।

इससे पहले प्रतिनिधि सभा के बीच पेश किये गए इस अधिनियम के विरोध में सिर्फ एक ही वोट पड़ा। इस बिल के पक्ष में 413 तथा विरोध में 1 वोट पड़ा। सीनेट ने सर्वसम्मति से विधेयक पारित किया।

गौरतलब है कि चीन के सबसे बड़े और पश्चिमी क्षेत्र शिंजियांग प्रांत में रहने वाले उइगर मुसलमानो पर चीन सरकार के ज़ुल्म को लेकर समय समय पर मानवाधिकार संगठन आवाज़ उठाते रहे हैं।

चीन में उइगरों की आबादी एक करोड़ से अधिक है। यहाँ सरकार द्वारा मुसलमानो को अवैध हिरासत में रखने, धार्मिक परम्पराओं का निर्वाह न करने देने जैसे कई मामले लगातार सामने आते रहे हैं।

मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो कम से कम 10 लाख उइगर और अन्य तुर्की मूल के मुस्लिमों को चीन के उत्तर-पश्चिम में स्थित जीनजियांग प्रांत के शिविरों में रखा जा रहा है और उइगर मुसलमानो पर ज़ुल्म और ज़ोर, ज़बरदस्ती करने का काम जारी है।

इतना ही नहीं पिछले कई महीनों में उइगर मुस्लिमों के प्रति कई गैर-कानूनी प्रतिबंध थोपे गए हैं। उइगर मुसलमानो पर रोज़े रखने, दाढ़ी बढ़ाने और पासपोर्ट के लिए आवेदन करने आदि पर पाबंदी है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक 2014 के बाद से आतंकवाद विरोधी अभियान के तहत 20 लाख उइगर मुस्लिम और अन्य अल्पसंख्यकों को कई शिविरों में हिरासत में रखा गया है।

2014 में शिनजियांग की सरकार ने रमजान के महीने में मुस्लिम कर्मचारियों के रोजा रखने और मुस्लिम नागरिकों के दाढ़ी बढ़ाने पर पाबंदी लगा दी थी। इस वर्ष राष्ट्रपति जिनपिंग के सख्त आदेशों के बाद यहां की कई मस्जिदें और मदसों के भवन ढहा दिए गए थे।

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TeamDigital