आंतरिक सर्वे में दिखी हार तो असम में भी तोड़फोड़ पर आमादा बीजेपी
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नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश में अपने सहयोगी जनता दल यूनाइटेड के 6 विधायक तोड़ने वाली भारतीय जनता पार्टी की नज़रें अब असम में कांग्रेस विधायकों पर लगी हैं। कल देर रात असम पहुंचे गृह मंत्री अमित शाह दौरे को बीजेपी की इसी राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है।
वहीँ असम में भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष रंजीत कुमार दास ने इस बात की पुष्टि की है कि पार्टी राज्य में कांग्रेस के दो विधायकों के संपर्क में हैं। दास ने कहा कि कांग्रेस के दो विधायक ने गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर भाजपा में शामिल होने की इच्छा जतायी है।
दास ने कांग्रेस में बीजेपी की तोड़फोड़ पर मुहर लगाते हुए कहा कि हमने पार्टी कोर कमिटी की बैठक की है और 30 दिसंबर से पहले दोनों कांग्रेसी विधायकों को पार्टी में शामिल करने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीँ सूत्रों की माने असम में अब से चार महीने बाद विधानसभा चुनाव हैं और बीजेपी द्वारा कराये गए आंतरिक सर्वे पार्टी के खिलाफ आये हैं। सूत्रों की माने तो बीजेपी के पहले आंतरिक सर्वे की रिपोर्ट 13 नवंबर को आई थी। यह सर्वे अक्टूबर और नवंबर के पहले सप्ताह में एक निजी एजेंसी से कराया गया था। ऐसे में पार्टी चुनाव से पहले कांग्रेस को कमज़ोर करने की रणनीति के तहत कम से कम 10-12 विधायकों को तोड़ने की रणनीति पर काम कर रही है।
सूत्रों ने कहा कि बीजेपी दबाव की राजनीति के तहत कांग्रेस विधायकों पर दबाव बनाकर उन्हें पार्टी में शामिल होने के लिए मजबूर कर सकती है। यह पहला अवसर नहीं है। पार्टी इससे पहले कई राज्यों में इस तरह का एक्सपेरिमेंट कर चुकी है और कर्नाटक, मध्य प्रदेश,गुजरात के बाद बीजेपी इस समय पश्चिम बंगाल में भी इसी तरह का एक्सपेरिमेंट चल रहा है।
गौरतलब है कि असम में एनआरसी की अंतिम सूची में लाखो लोगों के नाम शामिल नहीं होने के बाद ज़मीनी स्तर पर बीजेपी का विरोध साफतौर पर देखा जा सकता है। शहरी इलाको को छोड़ दें तो असम के भीतर के इलाको में बीजेपी का भारी विरोध है।
नागरिकता संशोधित कानून और एनआरसी के मुद्दे पर असम में कई इलाको में विरोध प्रदर्शन हुए थे। इन प्रदर्शनों में स्थानीय लोगों में छात्रों, शिक्षकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धजीवियों ने बड़ी तादाद में भाग लिया था।