लखनऊ में लगे इस पोस्टर ने दी अटकलों को हवा, पढ़िए- क्या है यूपी-बिहार का गणित?
लखनऊ। जद (यू) नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विपक्षी दलों को एकजुट करने के प्रयासों के तहत सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव और उनके बेटे अखिलेश यादव से मिलने के कुछ दिनों बाद, यहां सपा कार्यालय में एक पोस्टर सामने आया है, जिसमें लिखा एक संदेश चर्चा का विषय बन गया है।
विपक्ष की एकता का मिशन लेकर हाल ही में जद (यू) के नेता नीतीश कुमार और सपा नेताओं के बीच गर्मजोशी से मुलाकात के बाद लगाए गए इस पोस्टर ने लखनऊ के राजनीतिक दायरे में अटकलों को हवा दे दी है।
पोस्टर में लिखा है “यूपी + बिहार = गई मोदी सरकार। यानि कि यदि उत्तर प्रदेश और बिहार हाथ मिलाते हैं, तो मोदी सरकार को बाहर कर दिया जाएगा,” इस बैनर पर नीतीश कुमार और अखिलेश यादव की तस्वीरें हैं।
ब्लैक एंड व्हाइट बैनर में केवल दो रंगीन तत्व हैं – नीतीश कुमार का हरा दुपट्टा (अंगोचा) और अखिलेश यादव की लाल टोपी – दोनों ही अपनी-अपनी पार्टियों के पसंदीदा रंग विकल्पों का प्रतिनिधित्व करते हैं।
समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह ने शनिवार को कहा कि उत्तर प्रदेश और बिहार में देश की राजनीति की दिशा बदलने वाली घटनाओं की शुरुआत करने का इतिहास रहा है। उन्होंने पीटीआई को बताया कि “अगर ये राज्य (बदलाव के लिए जाने) का फैसला करते हैं, तो कुछ भी नहीं बचेगा (दूसरों के लिए)। यदि हम राजनीतिक मानचित्र देखें, तो भाजपा कहीं नहीं होगी।
सपा के प्रवक्ता आईपी सिंह ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि समाजवादी पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड), राष्ट्रीय जनता दल और राष्ट्रीय लोक दल समाजवादी विचारधारा के अग्रदूत हैं। सिंह ने कहा, “यह समाजवादी थे जिन्होंने पहले तानाशाही को उखाड़ फेंका था और आने वाले दिनों में समाजवादी ही क्रांति के नायक होंगे।”
क्या है यूपी-बिहार का गणित:
उत्तर प्रदेश और बिहार मिलकर 120 (क्रमशः 80 और 40) सांसदों को लोकसभा भेजते हैं और इन दोनों राज्यों में बेहतर प्रदर्शन करने वाली पार्टी या राजनीतिक दल अक्सर दिल्ली में सरकार बनाने की अच्छी स्थिति में होते हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी का गठबंधन था। वहीँ बिहार में नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ा था।
बीजेपी ने यूपी में 62 सीटें जीती थीं, जबकि उसकी सहयोगी अपना दल (सोनेला) ने दो सीटें जीती थीं. बसपा ने 10, सपा ने पांच, जबकि कांग्रेस ने एक सीट जीती थी. बीजेपी ने हाल के उपचुनावों में आजमगढ़ और रामपुर सीटों पर जीत हासिल की, जिससे उसकी संख्या 64 और एनडीए की 66 हो गई।
बिहार में, एनडीए – तब भाजपा, जद (यू) और लोजपा गठबंधन – ने 2019 में कुल 40 सीटों में से 39 पर जीत हासिल की थी। इसमें से, भाजपा के पास 17, जद (यू) की 16 और जद (यू) की 16 सीटों का हिस्सा था। लोक जनशक्ति पार्टी के पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान 6 सीटें जीती थीं। जद (यू) के गठबंधन से बाहर होने के साथ, एनडीए के पास 23 हैं।