श्रीलंका के भगोड़े राष्ट्रपति को लौटना पड़ा वापस, ये रही वजह
कोलंबो। श्रीलंका की बद्द्तर हालत पर जनता के विद्रोह से घबराये श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग गए थे लेकिन कई सप्ताहों तक भागकर विदेश में रहने के बाद श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति अपने देश वापस आ गए।
एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति जो देश छोड़कर भाग गए थे, शुक्रवार को देर रात श्रीलंका पहुंचे। राजपक्षे के स्वदेश वापस लौटने के पीछे बड़ा कारण दूसरे देशो द्वारा स्थाई शरण न देना बताया जा रहा है।
लगभग सात सप्ताहों तक विदेश में रहने के बाद कल रात गोटाबाया राजपक्षे कोलंबो पहुंचे। श्रीलंका की राजधानी कोलंबो के बंदरानाइका अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर कई मंत्रियों ने गोटबाया राजपक्षे का स्वागत किया। संचार माध्यमों के अनुसार श्रीलंका के वर्तमान राष्ट्रपति रानिल विक्रमासिंघे ने गोटाबाया राजपक्षे की स्वदेश वापसी के लिए प्रबंध किये।
याद रहे कि श्रीलंका के भारी विरोध प्रदर्शनों के बाद 13 जूलाई को इस देश के तत्कालीन राष्ट्रपति गोटाबाया देश छोड़कर भाग खड़े हुए। वे अपनी पत्नी के साथ भागकर पहल मालदीव गए थे जिसके बाद वे सिंगापुर जान के लिए विवश हुआ।
सिंगापुर में उनको दो बार 28 दिनों तक रहने की अनुमति दी गई थी। बाद में उसके बढ़ाने से इन्कार कर दिया गया। गोटाबाया राजपक्षे, सिंगापुर में हमेशा रहने की अनुमति चाहते थे किंतु वहां की सरकार ने एसा नहीं किया। सिंगापूर से गोटाबाया भागकर थाईलैण्ड चले गए।
वहां की सरकार ने मानवीय आधार पर राजपक्षे को सशर्त थाईलैण्ड में रहने की अनुमति दी थी जिसके अन्तर्गत वे वहां पर श्रीलंका से जुड़ी किसी भी राजनीतिक गतिविधि में भाग नहीं ले सकते थे।
उल्लेखनीय है कि श्रीलंका की बुरी आर्थिक स्थति के चलते वहां पर व्यापक स्तर पर विरोध प्रदर्शन किये गए। इन्ही विरोध प्रदर्शनों के दौरान 9 जूलाई को श्रीलंका की जनता ने राष्ट्रपति आवास पर क़ब्ज़ा कर लिया था जिसके कारण भारी भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे वहां के तत्कालीन राष्ट्रपित गोटबाया राजपक्षे देश छोड़कर भाग खड़े हुए।