अयोध्या मामले में सुप्रीमकोर्ट आज करेगा पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई
नई दिल्ली। अयोध्या की विवादित भूमि के मालिकाना हक के मामले में मुस्लिम पक्षकारो द्वारा दायर की गयीं पुनर्विचार याचिकाओं पर सुप्रीमकोर्ट आज सुनवाई करेगा।
गौरतलब है कि अयोध्या की विवादित भूमि के मालिकाना हक को लेकर सुप्रीमकोर्ट ने 9 नवंबर को फैसला सुनाया था। कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ मुस्लिम पक्षकारो की तरफ से आठ याचिकाएं दायर की गयी हैं।
ये पुनर्विचार याचिकाएं मौलाना मुफ्ती हसबुल्लाह, मोहम्मद उमर, मौलाना महफूज उर रहमान, मिसबाउद्दीन, रिजवान, हाजी महबूब, असद और अयूब की ओर से दायर की गई हैं। वहीँ एक पुनर्विचार याचिका जमीयत उलेमा ए हिन्द की तरफ से दायर की गई है।
पुनर्विचार याचिकाओं में सुप्रीमकोर्ट के फैसले के कुछ बिन्दुओ को आधार बनाया गया है। याचिकाओं में कहा गया है कि कोर्ट ने अपने फैसले में ऐतिहासिक तथ्यों को नज़रअंदाज कर दिया है।
पुनर्विचार याचिकाओं में कहा गया है कि 9 नवंबर को अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिये गए फैसले में कई ऐसे बिंदु हैं जो ऐतिहासिक तथ्यों से मेल नही खाते। इसलिये उच्चतम अदालत को अपने फैसले पर पुनर्विचार करने की आवश्यकता है।
इतना ही नही पुनर्विचार याचिकाओं में यह भी कहा गया है कि अदालत द्वारा नौ नवंबर को दिए गए फैसले पर इसलिये भी पुनर्विचार किया जाना चाहिए क्योंकि यह कानून के विपरीत है। इसमें विरोधाभास है और पूर्ण न्याय का उल्लंघन है।
सुप्रीमकोर्ट के पांच जजों की बैंच गुरूवार को दोपहर 1.40 बजे पुनर्विचार याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करेगा। इस बैंच में चार जज वहीँ हैं जिन्होंने अयोध्या मामले की सुनवाई की थी जबकि तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के रिटायर होने के कारण उनकी जगह जस्टिस संजीव खन्ना को बैंच में शामिल किया गया है।
गौरतलब है कि अयोध्या की विवादित 2.7 एकड़ ज़मीन के मालिकाना हक की सुनवाई करते हुए सुप्रीमकोर्ट ने 9 नवंबर को दिए अपने फैसले में विवादित ज़मींन राम मंदिर निर्माण के लिए हिन्दू पक्षकारो को देने और मस्जिद के लिए 5 एकड़ ज़मींन दिए जाने का फैसला सुनाया था।
कोर्ट के फैसले से मुस्लिम पक्षकारो ने असहमति जताते हुए इस मामले में पुनर्विचार याचिका दायर करने का फैसला लिया। पुनर्विचार याचिकाओं में 7 दिसंबर को 7 याचिकाएं आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के समर्थन से दायर की गयी हैं वहीँ एक याचिका जमीयत उलेमा ए हिन्द की तरफ से दायर की गई है।