26 जनवरी को दिल्ली कूच पर अड़े किसान, कल होनी है सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में पिछले 46 दिनों से चल रहे किसान आंदोलन को लेकर सोमवार को सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई होनी है। कृषि कानूनों और किसान आंदोलन को लेकर सुप्रीमकोर्ट में दायर सभी याचिकाओं पर कोर्ट कल एक साथ सुनवाई करेगा।
किसान आंदोलन को लेकर इससे पहले सुप्रीमकोर्ट बातचीत से मामला हल करने की बात कह चुका है। 06 जनवरी को सुप्रीमकोर्ट ने किसान आंदोलन पर चिंता जताते हुए कहा कि हम हालत समझते हैं लेकिन यह मामला बातचीत से हल होना चाहिए।
चीफ जस्टिस ने कहा कि कोर्ट भी चाहता है कि बातचीत से हल निकाला जाए। इस पर अटॉर्नी जनरल एजी के के वेणुगोपाल ने कहा कि इस बात की अच्छी संभावना है कि पार्टियां निकट भविष्य में किसी नतीजे पर पहुंच सकती हैं।
26 जनवरी को दिल्ली कूच पर अड़े हैं किसान:
वहीं दूसरी तरफ आंदोलनकारी किसानो का कहना है कि यदि आगामी 15 जनवरी को सरकार से होने वाली बातचीत में भी कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते तो वे 26 जनवरी तक और इंतज़ार करेंगे।
किसानो का कहना है कि वे 26 जनवरी को दिल्ली में प्रवेश करेंगे। इसके लिए वे कुछ भी करने को तैयार हैं। भले ही उन्हें बेरिकेटिंग तोड़ने पड़ें या पुलिस उन पर गोलियां चलाये लेकिन 26 जनवरी उनकी डेडलाइन है।
कल सुप्रीमकोर्ट में सुनवाई के मद्देनज़र किसानो की अहम बैठ सिंघु बॉर्डर पर बुलाई गई है। इस बैठक में 40 किसान संगठनो के प्रतिनिधि भाग लेंगे। किसानो का साफतौर पर कहना है कि वे कृषि कानूनों के वापस होने से कम कुछ भी स्वीकार नहीं करेंगे।
गौरतलब है कि किसानों और सरकार के बीच अब तक आठ बार बातचीत हो चुकी है लेकिन कृषि कानूनों को वापस लेने को लेकर अभी तक कोई हल नहीं निकला है।
किसानो और सरकार के बीच 9वे दौर की बातचीत 15 जनवरी को होनी है लेकिन किसान अभी से मानकर चल रहे हैं कि अगली बातचीत में भी सरकार की तरफ से उन्हें सिर्फ एक और दौर की बातचीत के लिए नई तारीख ही मिलेगी। ऐसे में किसान आंदोलन के लंबे समय तक चलने को लेकर रणनीति तय कर रहे हैं।