सुप्रीमकोर्ट के इस आदेश के बाद पूछताछ के लिए थर्ड डिग्री नहीं दे पाएंगी जांच एजेंसियां या पुलिस
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नई दिल्ली। आरोपियों से जांच एजेंसियों के पूछताछ के लिए देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीमकोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्देश जारी किया है। सुप्रीमकोर्ट के इस निर्देश के बाद अब आरोपियों से पूछताछ के लिए थर्ड डिग्री के इस्तेमाल पर रोक लग सकेगी।
सुप्रीमकोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि सभी राज्यों को सभी पुलिस स्टेशनों में सीसीटीवी कैमरा और ऑडियो रिकॉर्डिंग डिवाइस लगाना होगा। कोर्ट ने कहा कि नागरिकों को लॉकअप में इंटेरोगेशन के दौरान शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना से बचाने के लिए ये फैसला किया गया है।
पंजाब के परमवीर सिंह सैनी की याचिका की सुनवाई के दौरान देश की सर्वोच्च अदालत ने कहा कि संविधान के अनच्छेद 21 के तहत दिए गए जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा के लिए आरोपियों से पूछताछ वाली जगहों और लॉकअप में ऑडियो और वीडियो रिकॉर्डिंग वाले सीसी टीवी कैमरे लगाए जाएँ।
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब में हिरासत के दौरान प्रताड़ना के मामले में सुनवाई के दौरान ये आदेश जारी किया। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए साल 2018 में ही ऐसा करने का निर्देश दिया था लेकिन कैमरे नहीं लगाए गए।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्देश में कहा कि देश के सभी पुलिस स्टेशनों, सीबीआई कार्यालय, राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए, एनसीबी और प्रवर्तन निदेशालय सहित अन्य जांच एजेंसिया में नाइट विजन कैमरा, सीसीटीवी कैमरा और ऑडियो रिकॉर्डिंग डिवाइस लगाना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि नाईट विजन कैमरा, सीसीटीवी कैमरा और ऑडियो रिकॉर्डिंग डिवाइस पूछताछ कक्ष, लॉकअप, पुलिस स्टेशन या किसी भी जांच एजेंसी के ऑफिस की एंट्री और एग्जिट पर भी लगाना होगा. ना केवल पुलिस स्टेशन बल्कि एनसीबी, ईडी, एनआईए सहित अन्य जांच एजेंसियों को भी इसका पालन करना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिरासत में किसी नागरिक के साथ होने वाली ज्यादती को रोकने के लिए ये एतिहासिक निर्देश जारी किया गया है। इसका सभी को पालन करना होगा।
18 महीने तक सुरक्षित रखनी होगी रिकॉर्डिंग:
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सीसीटीवी कैमरा, नाईट विजन कैमरा और ऑडियो रिकॉर्डिंग डिवाइस पुलिस स्टेशन या जांच एजेंसी के ऑफिस के कॉरिडोर, लॉबी, रिसेप्शन एरिया, सब इंस्पेक्टर और इंस्पेक्टर के ऑफिसस रिसेप्शन के बाहर और वॉशरूम के बाहर लगाना है। कोर्ट ने ये भी कहा कि बतौर सबूत इन वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डंग को कम से कम 18 महीने तक सुरक्षित रखना होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों को इस निर्देश का पालन करने के लिए अधिकतम 6 महीने की समयसीमा निर्धारित करने को कहा है। सभी राज्यों को अधिकतम 6 महीने के अंदर सुप्रीमकोर्ट के निर्देशों के मुताबिक इंतजाम करने होंगे।