सोनिया ने एक तीर से साधे कई निशाने, ममता से गिले शिकवे दूर

सोनिया ने एक तीर से साधे कई निशाने, ममता से गिले शिकवे दूर

नई दिल्ली। कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार के खिलाफ विपक्षी दलों को एकजुट करने की कवायद शुरू कर दी है। गैर बीजेपी दलों से संबंध सुधारने की कवायद के तहत सबसे पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से गिले-शिकवे दूर किये गए हैं।

NEET-JEE की परीक्षाओं को स्थगित कराने के लिए आयोजित गैर कांग्रेस सरकारों के मुख्यमंत्रियों की बैठक के माध्यम से सोनिया गांधी ने एक तीर से कई निशाने साधे। इस बैठक में न सिर्फ शिवसेना प्रमुख और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे बल्कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी मौजूद रहीं।

बैठक में सोनिया गांधी और ममता बनर्जी के बीच जिस तरह का संवाद हुआ, उससे साफ़ ज़ाहिर है कि कहीं न कहीं कांग्रेस की नज़र अगले वर्ष पश्चिम बंगाल में होने जा रहे विधानसभा चुनाव पर टिकी हैं।

पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने वामपंथी दलों के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और पार्टी को सिर्फ 21 सीटें मिली थीं वहीँ तृणमूल कांग्रेस को 221 सीटें, सीपीएम को 21 और बीजेपी को 15 सीटें मिली थीं।

पिछले कुछ वर्षो में राज्य में बीजेपी की पैंठ बढ़ी है। राज्य में हिंदुत्व के मुद्दे को खंगाल रही बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में पूरी ताकत झौंक रखी है। ऐसे में माना जा रहा है कि ममता बनर्जी भी राज्य में गैर बीजेपी दलों से गठबंधन की इच्छुक हैं। हालांकि वामदलों के प्रति ममता का नज़रिया वही है और वे किसी भी शर्त पर वामदलों के साथ खड़े होने को तैयार नहीं हैं।

ऐसी स्थति में ममता के पास कांग्रेस की एक ऐसा विकल्प है, जो सामान विचार धारा वाला है। वहीँ कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच गठबंधन में सबसे बड़ा रोड़ा लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी हैं। अधीर रंजन चौधरी ने पिछले चुनाव में भी तृणमूल कांग्रेस के साथ किसी भी तरह के गठबंधन का विरोध किया था और अंततः कांग्रेस को सीपीएम के साथ मिलकर चुनाव लड़ना पड़ा था।

वहीँ 2021 के चुनाव में कांग्रेस ने लेफ्ट दलों के साथ गठबंधन नहीं करने के संकेत दिए हैं। इस वर्ष फरवरी में कांग्रेस ने निकाय चुनाव में वामदलों से गठबंधन नहीं करने का एलान किया था। पश्चिम बंगाल में 1977 से 2011 तक लम्बे समय तक सत्ता में रहने वाली सीपीएम फिलहाल अपना अस्तित्व बचाने में जुटी है। इसे में माना जा रहा है कि अगले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव में जा सकती है।

वहीँ जानकारों की माने तो ममता बनर्जी और सोनिया गांधी के बीच शुरू से ही अच्छी अंडरस्टेंडिंग रही है, जबकि राहुल गांधी के विपक्ष का नेतृत्व करने के मुद्दे पर ममता सवाल उठा चुकी हैं। फिलहाल देखना है कि ममता से बढ़ती नजदीकियां पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के लिए किस तरह का रास्ता बनाती हैं।

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TeamDigital