सिब्बल का संघ प्रमुख पर पलटवार, पूछा ‘370 हटने के बाद कश्मीर में कौन सा विकास हुआ’

सिब्बल का संघ प्रमुख पर पलटवार, पूछा ‘370 हटने के बाद कश्मीर में कौन सा विकास हुआ’

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत द्वारा जम्मू कश्मीर को लेकर दिए गए बयान पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने पलटवार किया है।

गौरतलब है कि संघ प्रमुख मोहन भागवत ने नागपुर में हाल ही में संघ के एक कार्यक्रम में कहा था कि ‘जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने से विकास का रास्ता सबके लिए खुल गया है। पहले 370 के आड़ में जम्मू और लद्दाख के साथ भेदभाव होता था, अब वो भेदभाव नहीं है। कश्मीर घाटी भी अब सीधा विकास का लाभ ले रही है।

भागवत के बयान पर कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि केंद्र सरकार जम्मू कश्मीर को सुरक्षित करने में विफल रहा है। सिब्बल ने सवाल दागा कि मोहन भागवत बताएं कि जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटने के बाद कौन सा विकास हुआ है।

इतना ही नहीं सिब्बल ने संघ प्रमुख मोहन भागवत का एक पुराना बयान याद दिलाते हुए कहा कि ‘मैं भागवत जी को फरवरी 2018 में कही गई बात के बारे में याद दिलाना चाहता हूं , जिसमे उन्होंने कहा कि सेना को तैयार होने में कई महीने लगते हैं लेकिन आरएसएस 3 दिनों में सीमा पर जाकर लड़ने के लिए तैयार हो सकता है।’

सिब्बल ने कहा कि आरएसएस के नेताओं को कभी भी ऐसा बयान नहीं देना चाहिए। यह सबसे दुर्भाग्यपूर्ण है कि भागवत जी ने कहा कि वे 3 दिनों में तैयार हो सकते हैं। 2018 से अब तीन साल हो गए हैं। आप तैयार होकर सीमा पर क्यों नहीं जाते? इस तरह के पद पर आसीन भागवत जी जब ऐसा बयान देते हैं तो कोई अर्थ होना चाहिए, किसी तरह की ईमानदारी होनी चाहिए। उन्हें अपने बयान का सम्मान करना चाहिए।

कांग्रेस नेता ने कहा कि हम उन नौ लोगों को सलाम करते हैं जिन्होंने हमारे लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। हमने अपने बेटों को आतंकवादियों के हाथों खो दिया।

कपिल सिब्बल ने कहा कि मोहन भागवत जी किस विकास की बात कर रहे हैं? आतंकवाद सिर उठा रहा है, जबकि यूपीए सत्ता में थी ऐसी चीजें पुंछ में कभी नहीं हुईं। उन्होंने कहा कि भागवत जी कहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में बहुत बड़ा विकास हुआ है। हम देखना चाहते हैं कि वह विकास क्या है और जमीन पर कहां है?

कपिल सिब्बल ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री ने वादा किया था कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद विधानसभा चुनाव होंगे। जबकि तथ्य यह है कि उन्होंने उस प्रतिबद्धता का सम्मान नहीं किया है क्योंकि उन्हें पता है कि जम्मू-कश्मीर में कुछ भी सामान्य नहीं है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने मोदी सरकार पर जम्मू कश्मीर के लोगों की सुरक्षा न कर पाने का आरोप लगाते हुए कहा कि ‘प्रधानमंत्री को याद रखना चाहिए कि उन्होंने 2014 और 2019 दोनों में क्या कहा था? उन्होंने कहा था ‘बस उन जवानों के बारे में सोचो जिन्होंने अपनी जान गंवाई… अपनी माताओं के बारे में सोचो’. मैं चाहता हूं कि प्रधानमंत्री उस पर चिंतन करें, जबकि आलोचना करना यह आसान है और इस वास्तविकता को स्वीकार करना मुश्किल है कि आप जम्मू-कश्मीर राज्य को सुरक्षित करने में विफल रहे हैं।

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