शिवसेना ने कंगना के खिलाफ पुलिस में दर्ज कराई राजद्रोह की शिकायत

शिवसेना ने कंगना के खिलाफ पुलिस में दर्ज कराई राजद्रोह की शिकायत

मुंबई। फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत द्वारा मुंबई की तुलना पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) से किये जाने के मामले में शिवसेना की आईटी सेल ने पुलिस में शिकायत देकर कंगना के खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किये जाने की मांग की है।

शिवसेना आईटी सेल ने कंगना रनौत के खिलाफ यह शिकायत थाणे के श्रीनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई है। शिकायत में कहा गया है कि मुंबई को पीओके बताना देश का अपमान है।

गौरतलब है कि सुशांत सिंह राजपूत मामले में कंगना रनौत द्वारा मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र सरकार की नीयत पर सवाल उठाते हुए मुंबई में खुद को असुरिक्षत बताया था। इस दौरान कंगना रनौत ने मुंबई की तुलना पीओके से भी की थी।

इस मामले में कंगना रनौत के बयान के बाद शिवसेना और कंगना रनौत आमने सामने आ गए थे। कंगना के बयान के जबाव में गृह मंत्री अनिल देशमुख और शिवसेना सांसद संजय राउत के बयान भी सामने आये। गृह मंत्री अनिल देशमुख ने अपने बयान में कंगना पर महाराष्ट्र का अपमान करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुंबई की तुलना पीओके से किये जाने के बाद कंगना को महाराष्ट्र में रहने का हक नहीं है।

वहीँ राज्य सभा सांसद संजय राउत ने भी कंगना राउत के बयान पर नाराज़गी जताते हुए निशाना साधा था और इस मामले में कंगना की तरफ से भी जबावी बयान आया। इस बीच केंद्र सरकार ने कंगना रनौत को वाई श्रेणी की सुरक्षा देकर इस मामले को और हवा दे दी।

शिवसेना- बीजेपी के बीच बयानबाजी :

कंगना रनौत को केंद्र सरकार द्वारा सुरक्षा दिए जाने पर महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि मुंबई या महाराष्ट्र जो भी उसका अपमान करता है, ऐसे व्यक्ति को केंद्र शासन ‘Y’ प्लस की सुविधा देता है ये बहुत ही आश्चर्यकारक और दुखकारक है। महाराष्ट्र कोई राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, शिवसेना और कांग्रेस का ही नहीं है भाजपा का भी है पूरी जनता का है।

वहीँ बीजेपी नेता और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने केंद्र सरकार द्वारा कंगना रनौत को सुरक्षा दिए जाने को सही ठहराते हुए कहा कि किसी का कोई वाक्य या विचार गलत हो तो हम उसका निषेध कर सकते हैं। राज्य सरकार में संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों की जिम्मेदारी है कि वे उनकी जान माल की रक्षा करें। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम एक ‘Banana रिपब्लिक’ बन जाएंगे।

उन्होंने कहा कि विशेष रूप से जिन्होंने संविधान की शपथ ली है उनकी जिम्मेदारी है कि उनको किसी का मत पसंद आए या न आए कोई गलत मत भी निकाले तो कानूनन उस पर कार्रवाई कीजिए लेकिन उसकी सुरक्षा करना उनकी जिम्मेदारी है। मुझे लगता है कि केंद्र सरकार ने जो किया वो ठीक है।

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TeamDigital