छात्रों और मजदूरों से अलग अलग व्यव्हार पर शरद यादव की खरी खरी
नई दिल्ली। लोकतान्त्रिक जनता दल नेता शरद यादव ने कोटा में फंसे छात्रों के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा बसें भेजे जाने और प्रवासी मजदूरों के घर वापस जाने के लिए कोई इंतजाम न होने पर कड़ी नाराज़गी जताई है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने इसे भेदभाव करार देते हुए कहा कि सरकार लॉकडाउन के नियमों को मनमर्जी अनुसार लागू कर रही है। अमीरों के लिए कानून कुछ और है और गरीबों के लिए कुछ और।
शरद यादव ने कहा कि मैंने हमेशा विशेषाधिकार प्राप्त वर्गों खासकर प्रवासी मजदूरों के लिए काम किया है, लेकिन सरकार के कुप्रबंधन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों में अटके इन मजदूरों की दशा देखकर इन दिनों मेरी रातों की नींद हराम हो गई है।
उन्होंने कहा कि वास्तव में, छात्रों और मजदूरों के लिए एक ही व्यवहार होना चाहिए था। केंद्र सरकार को उन सभी के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए जो देश के अलग-अलग हिस्सों में अटके हुए हैं।
शरद यादव ने कहा कि इस लॉकडाउन का क्या मतलब है कि कुछ स्थानों पर शादियां हो रही हैं तो महाराष्ट्र और दिल्ली जैसे राज्यों में उन्हें उनके मूल स्थानों तक पहुंचने से रोक दिया जाता है। सरकार इसे अपनी इच्छा अनुसार लागू कर रही है। मौजूदा एनडीए सरकार अमानवीय और भ्रमित है।
उन्होंने कहा कि यह भेदभाव की पराकाष्ठा है, जो असहनीय है। सबसे अहम यह है कि विदेशों से लोगों को उड़ानों से वापस लाया गया है क्योंकि वे अच्छी परिवारों से संबंधित हैं।
शरद यादव ने कहा कि कोरोना महामारी का सन्देश हमारे देश की सरकार को बहुत पहले मिल चूका था। इसलिए सरकार यह कहने की हकदार नहीं है कि उसे महामारी से जूझने की तैयारी के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी को लेकर केंद्र सरकार असंवेदनशीलता के कारण देशवासी इस आपदा को झेलने के लिए मजबूर होना पड़ा हैं। उन्होंने कहा कि जब कोरोना संक्रमण दुनिया के कई हिस्सों में फैल चुका था, तब भारत में विदेश से आए लोगों की जांच किए बिना सरकार ने महत्वपूर्ण समय गंवा दिया गया ।
नीतीश कुमार ने भी जताई नाराज़गी:
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने योगी सरकार के कोटा बस भेजने के फैसले को लॉकडाउन का माखौल उड़ाना बताया है। उन्होंने राजस्थान सरकार से बसों का परमिट वापस लेने तथा कोटा में ही विद्यार्थियों को सुविधा व सुरक्षा देने की मांग की। वहीँ बिहार सरकार ने केंद्र को तुरंत पत्र लिखकर कहा कि ये लॉकडाउन के नियमों के खिलाफ है, इस पर तुरंत कार्रवाई की जाए।