मोदी से मुलाकात के बाद सिंधिया का कांग्रेस से इस्तीफा, पार्टी ने शुरू की निष्कासन की प्रक्रिया
नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में पिछले दो दिनों में तेजी से बदले राजनैतिक घटनाक्रम में कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस की प्राथमिक सदस्य्ता से इस्तीफा दे दिया है।
वहीँ दूसरी तरफ कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए ज्योतिरादित्य सिंधिया को तत्काल प्रभाव से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से निष्कासित करने को मंजूरी दे दी है।
इससे पहले सिंधिया ने अपना इस्तीफा देने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की। इस मुलाकात के बाद ही साफ़ हो गया था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया बीजेपी के सम्पर्क में हैं और जो कुछ हो रहा है वह बीजेपी की मंशा के तहत ही हो रहा है।
इस्तीफा देने से पहले सिंधिया दिल्ली में सुबह अपने आवास से निकलकर सीधे गृहमंत्री अमित शाह से मिलने पहुंचे और इसके बाद शाह के साथ ही वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पहुंच गए। पीएम के आवास पर सिंधिया की बैठक सुबह 10.45 बजे शुरू हुई।
सूत्रों की माने तो सिंधिया आज ही बीजेपी में शामिल हो सकते हैं और उन्हें बीजेपी राज्यसभा के लिए उम्मीदवार बना सकती है, साथ ही राज्यसभा पहुँचने के बाद सिंधिया को केंद्र में मंत्रीपद दिए जाने की पूरी संभावना है।
संकट में कमलनाथ सरकार:
ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस से इस्तीफा दिए जाने के बाद अब मध्य प्रदेश की तस्वीर पूरी तरह साफ़ हो चुकी है। 20 कांग्रेस विधायक कर्नाटक के बेंगलुरु में रुकाये गए हैं। वहीँ यह भी कहा जा रहा है कि बागी विधायकों की तादाद बढ़ सकती है।
फिलहाल कमलनाथ सरकार को बचाना कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। विधानसभा में संख्याबल के हिसाब से कमलनाथ सरकार का गिरना तय माना जा रहा है।
मध्य प्रदेश में 230 विधानसभा सीटें हैं, यहां 2 विधायकों का निधन हो गया है। इस तरह से विधानसभा की मौजूदा शक्ति 228 हो गई है। कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं जबकि सरकार बनाने का जादुई आंकड़ा 115 है। कांग्रेस को 4 निर्दलीय, 2 बहुजन समाज पार्टी और एक समाजवादी पार्टी विधायक का समर्थन हासिल है। इस तरह कांग्रेस के पास कुल 121 विधायकों का समर्थन है जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं।
वहीँ जानकारों की माने तो यदि 20 बागी विधायकों ने इस्तीफे दिए तो बीजेपी के लिए सत्ता का रास्ता बन जाएगा। ऐसी स्थति में विधानसभा में सदस्यों की तादाद 208 हो जायेगी और सरकार बनाने के लिए बीजेपी को 105 विधायकों की आवश्यकता होगी। जबकि कांग्रेस के सदस्यों कोई तादाद घटकर 94 रह जाएगी और निर्दलीय तथा अन्य मिलाकर उसके पास 101 विधायक होंगे जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हो जायेंगे।
कांग्रेस ने की थी सिंधिया को राज्यसभा उम्मीदवार बनाये जाने की पेशकश:
ज्योतिरादित्य सिंधिया द्वारा कांग्रेस से इस्तीफा दिए जाने पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि ‘कांग्रेस पार्टी ने उनको राज्यसभा में MP बनने के लिए टिकट दी फिर भी उनको ये रास नहीं आता क्योंकि मोदी जी उनको कह दिए कि तुम्हें हम मंत्री पद देंगे। सिंधिया देख रहे हैं कि मंत्री पद इससे ज्यादा मुनाफे का होगा।’
उन्होंने कहा कि ‘हम उनका सम्मान करते थे कि राजा का बेटा है हार्वर्ड वाले हैं। लेकिन लालच लोगों को कहां से कहां ले जाता है। कांग्रेस में वो जरूर राजा की हैसियत में विराजमान थे लेकिन बीजेपी में जा कर उन्हें जरूर प्रजा बनना पड़ेगा।’