वैज्ञानिको का दावा ‘नवंबर-दिसंबर में ही भारत आ गया था कोरोना’

वैज्ञानिको का दावा ‘नवंबर-दिसंबर में ही भारत आ गया था कोरोना’

नई दिल्ली। भारत में कोरोना संक्रमण कब फैलना शुरू हुआ, इसे लेकर केंद्र सरकार आज तक स्पष्ट जबाव नहीं दे पाई है। अहम कारण है कि इससे जुड़ा दूसरा सवाल मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा कर देता है। दूसरा सवाल यह है कि कोरोना संक्रमण को लेकर समय रहते कदम क्यों नहीं उठाये गए। विदेशो से आने वाले लोगों को समय रहते क्यों नहीं रोका गया और एयरपोर्ट पर स्क्रीनिंग के बिना फरवरी तक एंट्री क्यों दी गई।

दरअसल देश के शीर्ष वैज्ञानिको का कहना है कि भारत में कोरोना ने नवंबर-दिसंबर में ही दस्तक दे दी थी। यानि मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार को अपदस्त करने की कोशिशों और डोनाल्ड ट्रंप के अहमदाबाद में हुए नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम के समय तक भारत में कोरोना सक्रिय हो चूका था।

देश के शीर्ष वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि भारत में कोरोना वायरस का प्रवेश नवंबर 2019 में ही हो गया था। बताया गया है कि चीन से जुड़े वायरस का प्रसार नवंबर महीने से ही शुरू हो गया था। इसे ‘मोस्ट रिसेंट कॉमन एनसेस्टर’ या ‘सबसे हाल का सामान्य पूर्वज’ (एमआरसीए) द्वारा पता लगाया गया है।

देश के प्रमुख अनुसंधान संस्थानों के शीर्ष वैज्ञानिकों ने अनुमान लगाया है कि वुहान से निकला कोरोना वायरस का पूर्वज वायरस 11 दिसंबर, 2019 तक फैल रहा था। एमआरसीए नामक एक वैज्ञानिक तकनीक का इस्तेमाल करते हुए अनुमान लगाया कि तेलंगाना और अन्य राज्यों में फैल रहे वायरस की उत्पत्ति 26 नवंबर और 25 दिसंबर के बीच हुई थी, इसकी औसत तारीख 11 दिसंबर है।

एमआरसीए नामक तकनीक का उपयोग वायरस की उम्र और उसके प्रभाव का आंकलन करने के लिए किया जाता है। इस तकनीक से यह पता लगाया जाता है कि संक्रमण कितने दिनों पहले पैदा हुआ और अब उसकी उम्र किया है और कितना प्रभावी है।

हैदराबाद स्थित ‘सेंटर फॉर सेल्युलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी’ (सीसीएमबी) के शोधकर्ताओं सहित अन्य शोधकार्ताओं ने न केवल कोरोना वायरस की उम्र का अनुमान लगाया है, बल्कि उन्होंने वायरस की एक नई जाति का पता लगाया है, जो वर्तमान में मौजूद वायरस से अलग है। शोधकर्ताओं ने इसे क्लेड I/A3i नाम दिया है। क्लेड को एक सामान्य पूर्वज के सभी विकासवादी वंशजों को शामिल करने वाले जीवों के एक समूह के रूप में परिभाषित किया गया है।

सीसीएमबी के निदेशक डॉ राकेश के मिश्रा ने कहा कि भारत के केरल राज्य में सामना आया पहला कोविड-19 मामला वुहान शहर से जुड़ा हुआ था, लेकिन हैदराबाद में शोधकर्ताओं द्वारा खोजा गया (क्लेड I/A3i) चीन में उत्पन्न नहीं हुआ, बल्कि ये दक्षिण-पूर्व एशिया में कहीं सामने आया।

उन्होंने कहा कि अभी तक इस नए क्लेड की उत्पत्ति का सटीक देश ज्ञात नहीं है। जहां तक, क्लेड I/A3i की बात है, यह 17 जनवरी और 25 फरवरी के बीच देश में फैल रहा था और इसकी औसत तारीख आठ फरवरी रही।

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TeamDigital