RBI गवर्नर के समर्थन में आए चिदंबरम, कहा- मोदी सरकार राजन के लायक नहीं है

CHIDAMBARAM

नई दिल्ली । पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने रिजर्व बैंक गवर्नर रघुराम राजन को दुनिया के सबसे बेहतर अर्थशास्त्रियों में से एक बताते हुए शनिवार को मोदी सरकार पर ही निशाना साधा और कहा कि देखने की बात तो यह है कि क्या मोदी सरकार रघुराम राजन के लायक भी है?

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सुब्रमण्यम स्वामी पिछले कुछ दिनों से रिजर्व बैंक गवर्नर के खिलाफ अभियान छेड़े हुये हैं। स्वामी ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर राजन को हटाने की मांग की है। चिदंबरम से जब यह पूछा गया कि क्या राजन को दूसरा कार्यकाल दिया जाना चाहिए?

उन्होंने कहा, ‘मैं तो यह सोचने लगा हूं कि क्या यह सरकार डॉक्टर राजन को रखने लायक भी है?’ राजन का तीन साल का कार्यकाल सितंबर के पहले सप्ताह में खत्म हो रहा है। कांग्रेस मुख्यालय में मोदी सरकार के दो साल पूरे होने पर संवाददाताओं से बातचीत करते हुए चिदंबरम ने पहले राजन पर स्वामी के प्रहार से जुड़े प्रश्नों को टाला और कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे पर तभी कुछ कहेगी जब यदि प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री राजन के खिलाफ कुछ बोलते हैं।

राजन का बचाव करते हुए उन्होंने कहा, ‘संप्रग सरकार ने विश्व के सर्वश्रेष्ठ अर्थशास्त्रियों में से एक को आरबीआई का गवर्नर बनाया। हमने उस समय उनमें पूरा भरोसा दिखाया और आज भी हमें उन पर भरोसा है।’ स्वामी ने दो दिन पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा कि राजन को बर्खास्त कर दिया जाना चाहिये।

साथ ही उन्होंने आरबीआई गवर्नर पर आरोप लगाया कि उन्होंने मुख्य नीतिगत दर को लगातार ऊंचा बनाए रखा जिससे न केवल घरेलू लघु एवं मध्यम उपक्रमों में मंदी आई बल्कि उत्पादन में भी भारी गिरावट आई। अर्ध-कुशल कामगारों को भी भारी बेरोजगारी के दौर से गुजरना पड़ा। यह पूछने पर कि क्या वित्त मंत्री के तौर पर उन्हें भी राजन के ब्याज दर पर रुख से आपत्ति थी, चिदंबरम ने कहा कि संप्रग सरकार के सभी केंद्रीय बैंक गवर्नरों के साथ बहुत अच्छे संबंध थे जिनमें मौजूदा गवर्नर भी शामिल हैं।

उन्होंने कहा, ‘दुनिया भर में वित्त मंत्री और केंद्रीय बैंक के गवर्नर के बीच ऐसे संवाद होते हैं लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वित्त मंत्री आरबीआई गवर्नर की कार्यक्षमता पर सवाल खड़ा करता है। हर कोई अपनी-अपनी दृष्टि से अर्थव्यवस्था को देखता है। सरकार की दृष्टि वृद्धि है। केंद्रीय बैंक के मुख्य केंद्र में है मौद्रिक स्थिरता।’ उन्होंने राजन के ‘अंधों में काना राजा’ की विवादास्पद टिप्पणी पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण की आलोचना के संबंध में कहा कि यहीं मतदान करवा लें कि इसमें कौन सही और कौन गलत है।

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