आज नंदीग्राम और कोलकाता में किसान पंचायत करेंगे राकेश टिकैत
नई दिल्ली। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के 100 से अधिक दिन बीतने के बाद भी सरकार की तरफ से कोई सकारात्मक रुख न दिखाई देने के बावजूद किसान अभी भी मोर्चे पर डंटे हैं।
कृषि कानूनों के खिलाफ किसानो को जागरूक कर रहे किसान संगठन दिल्ली से बाहर अलग अलग राज्यों में किसान पंचायतो का आयोजन कर नए कृषि कानूनों से किसानो को होने वाले नुकसान की जानकारी दे रहे हैं।
चुनावी राज्यों में भी किसान पंचायत आयोजन करने की कवायद के तहत संयुक्त किसान मोर्चे के नेता शुक्रवार को पश्चिम बंगाल पहुंच चुके हैं। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के मुताबिक शनिवार को पश्चिम बंगाल के कोलकाता और नंदीग्राम में किसान पंचायत आयोजित की गई हैं।
वहीँ संयुक्त किसान मोर्चे का कहना है कि किसान संगठनों के नेता सभी चुनावी राज्यों में किसान पंचायतो का आयोजन करेंगे और वहां के किसानो से बीजेपी को वोट न देने की अपील करेंगे।
शामली में कृषि मंत्री का विरोध, मुर्दाबाद के नारे:
वहीँ दूसरी तरफ किसानो को कृषि कानूनों की जानकारी देने शामली पहुंचे उत्तर प्रदेश के कृषि मंत्री सुरेश राणा को किसानो के ज़बर्दस्त विरोध का सामना करना पड़ा। कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन के बीच सुरेश राणा किसानो को कृषि कानून के फायदे समझाने शुक्रवार को शामली पहुंचे थे।
शामली में कृषि मंत्री के आगमन की खबर मिलने ही किसान इकट्ठा होना शुरू हो गए थे और जैसे ही कृषि मंत्री सुरेश राणा पहुंचे, तो किसानो ने उनका विरोध किया और मुर्दाबाद के नारे लगाए।