राज्य सभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित, आज़ाद ने पीएम के सामने कही ये बड़ी बात

राज्य सभा की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित, आज़ाद ने पीएम के सामने कही ये बड़ी बात

नई दिल्ली। आज भी राज्य सभा की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई और राज्य सभा की कार्यवाही कल सुबह 9.00 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है। राज्य सभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने आज किसान आंदोलन, कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने और कांग्रेस सांसद शशि थरूर तथा पत्रकार राजदीप सरदेसाई पर राजद्रोह का मामला दर्ज होने का मामला उठाया।

राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा में भाग लेते हुए कांग्रेस सांसद और विपक्ष के नेता गुलाम नबी आज़ाद ने सरकार पर कई सवाल दागे। उन्होंने किसान आंदोलन का मामला उठाते हुए आज़ादी की लड़ाई का उदाहरण दिया।

आज़ाद ने कहा कि किसानो ने अंग्रेज सरकार को भी अपने कानून वापस लेने के लिए मजबूर कर दिया था। इस दौरान गुलाम नबी आज़ाद ने “पगड़ी संभाल जट्टा” की पंक्तियाँ पढ़ते हुए कहा कि किसान अंग्रेजों के जमाने से संघर्ष करते रहे हैं और हर बार उन्होंने शासन को झुकने के लिए मजबूर किया। इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी सदन में मौजूद थे।

गुलामनबी आज़ाद ने कहा कि किसानों की ताकत देश की सबसे बड़ी ताकत है और उनसे लड़ाई कर हम किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकते। उन्होंने कहा कि अगर लड़ना ही है, तो चीन, पाकिस्तान और कोरोना वायरस लड़िए। आज़ाद ने सरकार से तीनो कृषि कानूनों तो तुरंत वापस लेने की मांग भी की।

आज़ाद ने 26 जनवरी को किसानो की ट्रेक्टर परेड के दौरान लाल किले पर हुई घटना और हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाही होनी चाहिए लेकिन निर्दोष लोगों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज का अपमान निंदनीय है, सरकार इस घटना में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाही करे, साथ ही कहा कि लापता हुए किसानो की तलाश की जानी चाहिए।

गुलाम नबी आज़ाद ने कहा कि कांग्रेस सांसद शशि थरूर और कुछ पत्रकारों के खिलाफ देशद्रोह के मामले दर्ज किये गए हैं। उन्होंने सरकार से पूछा कि जो व्यक्ति विदेश मंत्री रह चूका हो, जो एक निर्वाचित सांसद हो वह देशद्रोही की श्रेणी में कैसे आ सकता है।

गुलाम नबी आज़ाद ने जम्मू कश्मीर को दो राज्यों में विभाजित करने और अनुच्छेद 370 हटाए जाने का मुद्दा उठाते हुए जम्मू कश्मीर के राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग की। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर में पर्यटन, शिक्षा, रोजगार सहित विभिन्न क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। राज्य की पूर्व की स्थिति में ही वहां विकास हो सकता है और शांति व्यवस्था कायम हो सकती है।

अपनी राय कमेंट बॉक्स में दें

TeamDigital