कृषि कानूनों को लेकर सरकार और विपक्ष में घमासान, राज्य सभा 8 फरवरी तक स्थगित
नई दिल्ली। कृषि कानूनों को लेकर राज्य सभा में आज भी विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अपने कड़े तेवर जारी रखे। विपक्ष के तीखे हमलो के बीच राज्य सभा की कार्यवाही 8 फरवरी सुबह 9 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा कि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि विपक्ष सदन की कार्यवाही को नहीं चलने दे रहा है। हम सहमती बनाने की कोशिश लगातार कर रहे हैं। मुझे विश्वास है सोमवार से वे मान जाएंगे। चर्चा ही संसद का केंद्र बिंदु है। सरकार विपक्ष के सवालों के उत्तर देने के लिए तैयार है।
इससे पहले राज्य सभा में कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर ने विपक्ष के कड़े रुख का जबाव देते हुए कहा कि दुनिया जानती है कि पानी से खेती होती है। खून से खेती सिर्फ कांग्रेस ही कर सकती है, भारतीय जनता पार्टी खून से खेती नहीं कर सकती।
कृषि मंत्री ने कहा कि भारत सरकार कानूनों में किसी भी संशोधन के लिए तैयार है इसके मायने ये नहीं लगाए जाने चाहिए कि कृषि कानूनों में कोई गलती है। पूरे एक राज्य में लोग गलतफहमी का शिकार हैं। किसानों को इस बात के लिए बरगलाया गया है कि ये कानून आपकी जमीन ले जाएंगे।
उन्होंने कहा कि मैं प्रतिपक्ष का धन्यवाद करना चाहूंगा कि उन्होंने किसान आंदोलन पर चिंता की और आंदोलन के लिए सरकार को जो कोसना आवश्यक था उसमें भी कंजूसी नहीं की और कानूनों को जोर देकर काले कानून कहा। मैं किसान यूनियन से 2 महीने तक पूछता रहा कि कानून में काला क्या है।
कृषि मंत्री ने कहा कि किसान की आमदनी दोगुनी हो इसके लिए सरकार ने प्रधानमंत्री किसान योजना के माध्यम से 6,000 रुपये का योगदान दिया। आज हम ये कह सकते हैं कि दस करोड़ 75 लाख किसानों को 1,15,000 करोड़ रुपये डीबीटी से उनके अकाउंट में भेजने का काम किया है।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग मनरेगा को गड्ढों वाली योजना कहते थे। जब तक आपकी सरकार थी उसमें गड्ढे खोदने का ही काम होता था। लेकिन मुझे ये कहते हुए प्रसन्नता और गर्व है कि इस योजना की शुरुआत आपने की लेकिन इसे परिमार्जित हमने किया।
नरेंद्र सिंह तौमर ने कहा कि कई बार विपक्ष की तरफ से ये बात सामने आती है कि आप कहते हैं कि सब मोदी जी की सरकार ने किया है पिछली सरकारों ने तो कुछ भी नहीं किया। मैं इस मामले में ये कहना चाहता हूं कि इस प्रकार का आरोप लगाना उचित नहीं है।
उन्होंने कहा कि मोदी जी ने सेंट्रल हॉल में अपने पहले भाषण में और 15 अगस्त में भी उन्होंने कहा था कि मेरे पूर्व जितनी भी सरकारे थी उन सबका योगदान देश के विकास में अपने-अपने समय पर रहा है।
वहीँ कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि कुछ लोग कानून में जो चीज नहीं है उसे किसानों के बीच परोसना चाह रहे हैं और इसमें सबसे ज़्यादा भूमिका विपक्षी पार्टियों की है। सदन में भी पार्टियां ऐसे बिंदु बोल रही हैं जिनका कानून से कोई लेना-देना नहीं है।
किसानो से बात करने वाले मंत्रियों को खेती का ज्ञान नहीं: दिग्विजय
वरिष्ठ कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने किसानों के साथ बात करने के लिए 2 मंत्री लगाए। नरेंद्र सिंह तोमर जिनके पास खेती ही नहीं तो वो किसानी क्या जानते होंगे। दूसरे पीयूष गोयल जो कॉर्पोरेट सेक्टर के प्रवक्ता हैं।
देश को गुमराह कर रहे कृषि मंत्री: हुड्डा
कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तौमर पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि आज कृषि मंत्री ने सदन और देश को गुमराह करने का काम किया। उन्होंने कहा कि यह केवल पंजाब का आंदोलन है। परन्तु इस आंदोलन में हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान यहां तक की महाराष्ट्र और कर्नाटक से भी किसान शामिल हैं।