राजस्थान: विधानसभा सत्र पर सस्पेंस बरकरार, गहलोत सरकार ने तीसरी बार भेजा प्रस्ताव
जयपुर ब्यूरो। राजस्थान में विधानसभा का सत्र आयोजित किये जाने को लेकर अभी भी सस्पेंस बरकरार है। इस बीच राजस्थान सरकार की तरफ से राज्यपाल कालराज मिश्र को तीसरी बार विधानसभा का सत्र बुलाये जाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।
गौरतलब है कि इससे पहले सरकार की तरफ से भेजे गए प्रस्ताव के जबाव ने राज्यपाल कालराज मिश्र ने विधानसभा सत्र को लेकर कई सवाल उठाये थे। राज्यपाल कलराज मिश्र ने शोर्ट नोटिस पर सत्र बुलाने पर आपत्ति की थी और उन्होंने विधानसभा सत्र आहूत करने के लिए 21 दिन का नोटिस जरूरी बताया था।
अब राज्यपाल द्वारा उठाये गए सवालो के जबाव के साथ गहलोत सरकार ने तीसरा प्रस्ताव राजभवन भेजा है। राज्यपाल द्वारा 21 दिनों के नोटिस को लेकर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि राज्य में पहले भी अल्पकालीन नोटिस पर विधानसभा के सत्र आयोजित हुए हैं।
वहीँ राज्यपाल द्वारा विश्वासमत प्राप्त करने की सभी प्रक्रिया संसदीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव की मौजूदगी और वीडियो रिकॉर्डिंग कराये जाने के राज्यपाल के प्रस्ताव पर गहलोत सरकार को कोई आपत्ति नहीं है।
इतना ही नहीं राज्यपाल द्वारा 100 से अधिक कर्मचारी और 200 से ज्यादा सदस्यों की उपस्थिति से कोरोना संक्रमण का खतरा पैदा होने को लेकर जो अंदेशा जताया गया है, उसके लिए भी गहलोत सरकार तैयार है और विधानसभा सत्र के दौरान कर्मचारियों की संख्या कम की जा सकती है तथा विधायकों के लिए मास्क, सेनेटाइजर और विधानसभा में प्रवेश से पहले विधायकों के तापमान की जांच (थर्मल टेस्टिंग) को अनिवार्य किया जा सकता है।
वहीँ दूसरी तरफ विधानसभा के सत्र से पहले बसपा ने अपने विधायकों के दलबदल को लेकर हाईकोर्ट में नए तरीके से मामला दायर किया है। इससे पहले हाईकोर्ट ने बसपा की तरफ से दायर की गई याचिका को ख़ारिज कर दिया था।
आज एक बार फिर भाजपा विधायक मदन दिलावर ने दो याचिकाओं के जरिए विलय को असंवैधानिक बताते हुए स्पीकर के आदेश को रद्द करने की मांग की है, जिस पर इसी सप्ताह सुनवाई होने की उम्मीद है।