अब गहलोत की मर्जी के बिना केंद्र नहीं करा सकेगा सीबीआई जांच, अधिसूचना जारी
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नई दिल्ली। राजस्थान में विधायकों की खरीद फरोख्त के विवाद के बीच अशोक गहलोत सरकार ने अधिसूचना जारी कर एलान किया है कि सीबीआई को किसी जांच से पहले राज्य सरकार से अनुमति लेनी पड़ेगी।
दरअसल विधायकों की खरीद फरोख्त के ऑडियो सामने आने के बाद राजस्थान एसओजी ने दो मामले दर्ज किये हैं। इनमे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत का भी नाम शामिल हैं। इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा था कि इस पूरे प्रकरण की सीबीआई जांच होनी चाहिए।
वहीँ बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा के बयान पर कांग्रेस ने पलटवार में कहा कि बीजेपी सीबीआई जांच कराकर आरोपियों को क्लीनचिट दिलवाना चाहती है। कांग्रेस बीजेपी पर पहले ही सरकारी एजेंसियों के दुरूपयोग का आरोप लगा चुकी है।
जिससे पहले कि केंद्र सरकार इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश देती, राजस्थान सरकार ने अधिसूचना जारी कर दी है। राज्य के गृह विभाग द्वारा जारी की ही अधिसूचना में कहा गया है कि भारत सरकार को दिल्ली विशेष पुलिस गठन (सीबीआई) के डीएसपीई कानून 1946 की धारा तीन के तहत किसी अपराध की जांच के लिए अब राज्य सरकार की पूर्व सहमति लेनी होगी।
अधिसूचना में कहा गया है कि दिल्ली विशेष पुलिस गठन कानून (डीएसपीई) 1946 की धारा तीन के तहत आने वाले किसी भी अपराध की जांच के लिए मामले दर मामले के आधार पर राजस्थान सरकार से पूर्व सहमति लेनी होगी।
गौरतलब है कि इससे पहले इससे पहले पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में भी सीबीआई को रोकने के आदेश जारी किए जा चुके हैं। पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ में भी सीबीआई को किसी जांच के लिए राज्य सरकार से अनुमति लेनी होगी।