राहुल गांधी ने दिखाई वीर सावरकर की चिट्ठी, कहा ‘ये अंग्रेजो की करते थे मदद’
मुंबई। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर द्वारा अंग्रजो को लिखे गए पत्र का हवाला देते हुए भारतीय जनता पार्टी को कटघरे में खड़ा किया है। राहुल गांधी ने बीजेपी की देशभक्ति पर भी सवाल दागे।
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान अकोला में पत्रकारों से बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि वीर सावरकर ने अंग्रेजों को लिखे एक पत्र में कहा, “सर, मैं आपके सबसे आज्ञाकारी सेवक बने रहने की याचना करता हूं” और उन्होंने पत्र पर हस्ताक्षर किए। सावरकर जी ने अंग्रेज़ों की मदद की थी।
राहुल गांधी ने वीर सावरकर के पत्र की कॉपी दिखाते हुए कहा कि जब सावरकर जी ने इस कागज पर हस्ताक्षर किया तो उसका कारण डर था अगर वो डरते नहीं तो वो कभी हस्ताक्षर नहीं करते। जब उन्होंने हस्ताक्षर किया तब उन्होंने महात्मा गांधी, सरदार पटेल आदि नेताओं को धोखा दिया।
राहुल गांधी ने बीजेपी पर विपक्ष को खत्म करने की साजिश रचने का आरोप भी लगाया। उन्होंने शिवसेना (यूबीटी) के एक विधायक का हवाला देते हुए बताया कि कैसे उन्हें विद्रोही समूह में शामिल होने के लिए “50 करोड़ रुपये” की पेशकश की गई थी, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया और जून में तत्कालीन महा विकास आघाडी सरकार गिर गई।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि “शिवसेना (यूबीटी) के विधायकों को 50 करोड़ रुपये दिए गए और प्रतिद्वंद्वी खेमे द्वारा ले लिए गए। भ्रष्ट लोग वहां जा रहे हैं और विपक्षी दलों को खत्म करने की कोशिश की जा रही है। लेकिन देश में अच्छे और ईमानदार लोगों की कोई कमी नहीं है।”
भारत जोड़ो यात्रा के दौरान लोगों की प्रमुख समस्याओं का जिक्र करते हुए, उन्होंने कहा कि ये देश के किसानों और युवाओं से संबंधित हैं, जो महसूस करते हैं कि “उनका कोई भविष्य नहीं है”, और वह इन मुद्दों को उठा रहे हैं, और सरकार से जवाब मांग रहे हैं ।
राहुल गांधी ने कहा, ” आज किसान संकट में हैं, उन्हें अपनी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है, उन्हें फसल के नुकसान का मुआवजा नहीं मिल रहा है, कोई ऋण माफी या बीमा दावा नहीं मिल रहा है। इससे पहले जब केंद्र में यूपीए की सरकार सत्ता में थी, तो हमने किसानों को पूरी मदद की।”
राहुल गांधी ने कहा कि देश के युवा चिंतित हैं कि क्या आवश्यक योग्यता और कौशल प्राप्त करने के बाद भी लोन लेकर शिक्षा पर पैसा खर्च करने के बाद भी नौकरी की कोई गारंटी नहीं है।
उन्होंने केंद्र पर विपक्षी दलों की आवाज़ दबाने का आरोप लगाते हुए कहा कि जब भी वे नोटबंदी, अर्थव्यवस्था, महंगाई, चीन, संसद जैसी जनता की चिंताओं को उठाने का प्रयास करते हैं, माइक बंद कर दिए जाते हैं, संस्थानों पर दबाव होता है।
उन्होंने कहा, “हम यात्रा में इन सभी सवालों को उजागर कर रहे हैं और जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है, हर जगह लाखों लोग जुड़ रहे हैं और हमें जनता का स्नेह मिल रहा है।”