प्रशांत किशोर ने पवार को बताया, 2024 में बीजेपी कैसे जाएगी सत्ता से बाहर
नई दिल्ली। चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के बीच हुई बैठक को लेकर अब ख़बरें बाहर आने लगी हैं। सूत्रों की माने तो इस बैठक में मुख्य मुद्दा 2024 के चुनाव में बीजेपी को केंद्र की सत्ता से बाहर धकेलना था।
सूत्रों ने कहा कि 3 घंटे चली बैठक के दौरान प्रशांत किशोर ने एक प्रजेंटेशन दिखाया। इस प्रजेंटेशन में दिखाया गया है कि यदि सभी क्षेत्रीय दल एकजुट होकर चुनाव लड़ें तो किस तरह 300 से अधिक सीटें जीती जा सकती हैं।
सूत्रों ने कहा कि प्रशांत किशोर ने साफतौर पर कहा कि यदि 2024 के चुनाव में बीजेपी को पटखनी देनी है तो विपक्ष को एकजुट होना पड़ेगा और खासकर क्षेत्रीय पार्टियों को आगे कर चुनाव लड़ना होगा।
राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता और महाराष्ट्र सरकार में मंत्री नवाब मालिक ने इस बैठक को लेकर कहा कि ‘अगले आम चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ रुख रखने वाली पार्टियों के महागठबंधन की जरुरत है। राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने भी भाजपा का मुकाबला करने के लिए सभी दलों के राष्ट्रीय गठबंधन की बात कही है। उन्होंने कहा है कि वह ऐसे बलों को साथ लाने का प्रयास करेंगे।’
उन्होंने कहा कि संप्रग (यूपीए) के पुन:गठन की आवश्यकता है ताकि वह भाजपा के मजबूत विकल्प के रूप में उभर सके और नये मोर्चे का नेतृत्व पवार जैसे वरिष्ठ नेताओं को करना चाहिए।
नवाब मलिक ने कहा कि ‘चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर को आंकड़ों और सूचनाओं की पूरी जानकारी है… तीन घंटे चली चर्चा में यह मुद्दा भी पक्का आया होगा।’
गौरतलब है कि प्रशांत किशोर पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में तृणमूल कांग्रेस के चुनावी रणनीतिकार थे। हालांकि चुनाव के बाद उन्होंने भविष्य में किसी दल के लिए चुनावी रणनीतिकार के तौर पर काम करने से इंकार किया था लेकिन अब प्रशांत किशोर की शरद पवार से मुलाकात के बाद एक बार फिर माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर 2024 में संयुक्त विपक्ष के चुनावी रणनीतिकार हो सकते हैं।
सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत किशोर और शरद पवार के बीच तीन घंटे चली बैठक में विपक्ष को बीजेपी के खिलाफ एकजुट करने पर बातचीत हुई। सूत्रों ने कहा कि प्रशांत किशोर ने शरद पवार को सलाह दी कि बीजेपी को हारने के लिए विपक्ष को आक्रामक तेवर अपनाने होंगे और मुद्दों पर बने रहना होगा।
सूत्रों के मुताबिक, प्रशांत किशोर ने पवार को बताया कि सिर्फ उन्ही दलों को यूपीए गठबंधन में शामिल किया जाए जो किसी कीमत पर चुनाव के बाद बीजेपी का समर्थन न करें। प्रशांत किशोर ने कहा कि चूंकि कांग्रेस सबसे बड़ी और सबसे पुरानी पार्टी है इसलिए उसको नज़रअंदाज नहीं किया जा सकता, ऐसे में विपक्ष का एक ऐसा मजबूत गठबंधन बने जिसमे दरार की गुंजाईश न हो।
सूत्रों की माने तो प्रशांत किशोर बैठक में इस बात के पक्षधर थे कि चुनावी गठबंधन में तृणमूल कांग्रेस को पश्चिम बंगाल से बाहर और शिव सेना-एनसीपी को महाराष्ट्र से बाहर भी अन्य राज्यों में सीटें मिलनी चाहिए।
सूत्रों ने कहा कि बैठक में 2024 लोकसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ रुख रखने वाली पार्टियों के ‘महागठबंधन बनाने की जरुरत’ पर चर्चा हुई। बैठक में प्रशांत किशोर ने संयुक्त विपक्ष का नेतृत्व किसी जुझारू नेता को सौंपे जाने की भी वकालत की।
वहीँ माना जा रहा है कि प्रशांत किशोर के कई बड़े नेताओं से मजबूत संबंध हैं। इसलिए वे विपक्ष का संयुक्त गठबंधन बनाने में एनसीपी की पहल को मदद कर सकते हैं। सम्भवतः प्रशांत किशोर और शरद पवार के बीच हुई इस बैठक के पीछे ये एक बड़ा कारण हो सकता है।